भ्रष्टाचार के आरोप में जिला सहकारी समिति के 5 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया

बिलासपुर। भ्रष्टाचार के आरोप में जिला सहकारी समिति के 5 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही दो का डिमोशन किया गया है. यह कार्रवाई जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के स्टाफ उपसमिति की बैठक के बाद की गई है. बैठक में कलेक्टर, उप आयुक्त सहकारिता और उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं और सहकारी बैंक के सीईओ उपस्थित थे. इन कर्मचारियों पर धान खरीदी में गड़बड़ी, बैंक से फर्जी तरीके से पैसे का आहरण, काम में लापरवाही के मामले दर्ज किए गए थे.

इन कर्मचारियों को किया गया बर्खास्त

  1. शंशाक शास्त्री, भृत्य प्रधान कार्यालय- मई 2018 से बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित था. इसे आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र जारी किया गया, इसके बाद जांच अधिकारी नियुक्त कर विभागीय जांच कराई गई. जिसमें पाया गया कि काम में लापरवाही हुई है. इसके बाद उसे नौकरी से बाहर कर दिया गया.
  2. करुणेश कुमार चंद्राकर कनिष्ठ, लिपिक, शाखा अकलतरा- सेवा सहकारी समिति कोरबी, बैंक बलौदा में लघु कृषक रामकुमार को शीर्ष कृषक के रूप में अधिक केसीसी लोन दे दिया. जांच में पाया गया कि लिपिक द्वारा डेढ़ करोड़ रुपए की गड़बड़ी की गई है. लिपिक को सेवा से बर्खास्त करते हुए वसूली का आदेश जारी किया गया है.
  3. प्रवीण कुमार शर्मा, कनिष्ठ लिपिक, शाखा मालखरौदा- इन्होंने पंकज भूषण मिश्रा व शांतादेवी मिश्रा के संयुक्त खाता जो सीपत शाखा में संचालित है, उनसे अलग-अलग तारीखों में 95 हजार रुपए निकाल लिए. इसकी जांच हुई, तो पाया गया कि बैंक के केश क्लियरिंग खाते को डेबिट किया गया है. स्टाफ उप समिति ने नौकरी से निकालने का आदेश पारित किया.
  4. विरेन्द्र कुमार आदित्य, संस्था प्रबंधक शाखा मालखरौदा- सीपत शाखा में 95 हजार रुपए का जो आहरण पंकज भूषण मिश्रा एवं शांतादेवी मिश्रा के संयुक्त खाते से हुआ इसके लिए ब्रांच मैनेजर को भी जिम्मेदार माना गया. आरोप प्रमाणित पाए जाने पर ब्रांच मैनेजर को भी नौकरी से निकालने का फैसला लिया गया.
  5. प्रकाश चंद कुम्भज, लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर (तात्कालिन शाखा करगीरोड)- इस लिपिक के खिलाफ खाताधारकों / बैंक के अनपोस्टेड खातों से अनियमित तरीके से नकद एवं ट्रांसफर द्वारा गड़बड़ी के संबंध में जांच कराई गई. जिसमें पाया गया कि इस लिपिक ने 30 लाख रुपए की गड़बड़ी की. लिपिक से यह राशि जमा कराने के साथ ही उसे बर्खास्त कर दिया गया.

इन कर्मचारियों का किया गया डिमोशन

  1. संतोष कुमार सोनी, पर्यवेक्षक तात्कालीन शाखा अकलतरा- अकलतरा शाखा के पुराने रिव्हाल्विंग खाते में डेढ़ करोड़ रुपए की राशि की गड़बड़ी की और तात्कालीन शाखा प्रबंधक से मिलकर इसका समायोजन भी करा लिया. जांच में पाया गया कि अंतिम बैलेंस जिसे नए रिव्हाल्विंग खातों में ट्रासंफर किया गया वह कुल राशि के बराबर नहीं है. राशि का उपयोग समिति को भुगतान करने व धान खरीदी में गड़बड़ी में भी गड़बड़ी पाई गई. इनका पर्यवेक्षक से संस्था प्रबंधक के पद पर डिमोशन किया गया है.
  2. माधव सिंह चौहान शाखा प्रबंधक, करगीरोड़- इस ब्रांच मैनेजर पर समितियों का केसीसी अंतर्गत ऋण वितरण का समायोजन देर से किए जाने, केश रेक्टिफिकेशन खाता से जमा/नामे किए जाने आदि के संबंध में आरोप पत्र जारी किया गया था. मामले में जांच अधिकारी द्वारा पाया गया कि इस ब्रांच मैनेजर ने शाखा करगीरोड के एक अन्य प्रकरण में लिपिक प्रकाश कुंभज बैंक के साथ मिलकर लगभग 30 किसानों के खाते से अनियमित तरीके से नकद व ट्रांसफर कर गड़बड़ी की. ब्रांच मैनेजर चौहान को सहायक लेखापाल के पद पर डिमोशन कर दिया गया है.

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