हिंदी सिनेमा ने कई बार पर्दे पर रियल लाइफ को दिखाया है. कई बार सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्में बनाई गई हैं. जब भी कोई सच्ची घटना पर्दे पर आई है, तो उसे लोगों ने खूब पसंद किया है. अब एक बार फिर से बड़े पर्दे पर ऐसा ही कुछ होने वाला है. फिल्म ‘गोधरा: एक्सीडेंट या कॉन्सपिरेसी’ (Godhra) आज यानी 12 जुलाई को रिलीज होने वाली हैं. ऐसे में इस फिल्म के लिए लोगों में एक्साइटमेंट थीं, वो आज खत्म होने वाली है. गुजरात भारत का एक ऐसा शहर है, जिसे आमतौर पर उसके वास्तविक नाम के बजाय किसी घटना के नाम से जाना जाता है. लोग आमतौर पर “गोधरा” (Godhra) नाम को 2002 की गोधरा ट्रेन आगजनी की घटना से जोड़ते हैं.
22 साल बाद उठेगा सच से पर्दा
फिल्म डायरेक्टर एम.के. शिवाक्ष की अपकमिंग फिल्म ‘गोधरा: एक्सीडेंट या कॉन्सपिरेसी’ कभी ना भूलने वाली एक दर्दनाक घटना से पर्दा उठाएगी. जी हां, एम.के. शिवाक्ष ने अपने इंस्टाग्राम पर एक लेटेस्ट पोस्ट शेयर किया है, जो एक वीडियो पोस्ट है. इस पोस्ट को शेयर करते हुए डायरेक्टर ने लिखा है कि हादसा या साजिश गोधरा, 22 साल बाद सच से पर्दा उठने जा रहा है. 2002 की दुखद घटना के पीड़ितों की वास्तविक कहानी हैं. यह फिल्म न्याय के लिए पीड़ितों की लड़ाई की दर्दभरी कहानी को दिखाएगी.
गोधरा कांड कैसे हुआ?
फिल्म में वकील की भूमिका निभा रहे रणवीर शौरी कोर्ट में दलील देते नजर आए कि साबरमती ट्रेन को जलाया नहीं गया है, उसको जलने दिया गया. यह प्रशासन सिर्फ एक कहानी बता रहा है अपनी गैरजिम्मेदारियों को कवर करने के लिए. रणवीर शौरी सवाल उठाते हैं, “जब वह अटैक हुआ तो RPF कहां थी. गलती से जब उस ट्रेन में आ लग गई तो फायर ब्रिगेड कहां था. यह साजिश नहीं….”
क्या है फिल्म की कहानी?
अगर इस फिल्म की कहानी की बात करें तो फिल्म के पुराने टीजर के अनुसार, इसके शुरू में एक जलती हुई ट्रेन (साबरमती एक्सप्रेस) की भयावह तस्वीरें दिखाई जाती हैं. यह जलती हुई ट्रेन गोधरा कांड की काली छायों को उजागर कर रही है. इस वीडियो में कहा जाता है कि गुजरात दंगों का सत्य जानना है तो उसके लिए कार सेवकों की हत्या की कॉन्सपिरेसी को हमें समझना ही होगा. अभिनेता रणवीर शौरी वकील के किरदार में नजर आते हैं और कहते हैं कि साबरमती एक्सप्रेस में हुई घटना एक एक्सीडेंट थी, यह कोई कॉन्सपिरेसी नहीं थी.