रायपुर. एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा बीस हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार की गई महिला थाना प्रभारी वेदमति दरियो का जमानत आवेदन विशेष न्यायालय ने खारिज कर दिया. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला दिया कि केस डायरी के अवलोकन से आर्थिक अपराध होना प्रथम दृष्या दर्शित है. प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आवेदिका की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन अस्वीकार कर निरस्त किया जाता है.
विशेष न्यायाधीश (भ्र.नि.अधि.) एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी की अदालत में उनकी जमानत आवेदन पर मंगलवार को सुनवाई की गई. आवेदिका की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन में कहा गया कि उसे झूठा फंसाया गया है. आरोपित अपराध में आवेदिका की कोई भूमिका नहीं है. आवेदिका
शासकीय कर्मचारी और छत्तीसगढ़ की स्थायी निवासी है, जिसके फरार होने की संभावना नहीं है. आवेदिका जमानत दिए जाने पर न्यायालय द्वारा अधिरोपित समस्त शर्तों का पालन करने तैयार है. अतः निवेदन है कि जमानत का लाभ प्रदान किया जाए.
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर की ओर से प्रस्तुत विरोध पत्र में उप संचालक अभियोजन मिथलेश वर्मा ने जमानत आवेदन को निरस्त किए जाने का निवेदन किया. तर्क प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रार्थिया प्रीति बंजारे अपने पति और ससुराल पक्ष द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित करने की शिकायत लेकर महिला थाने पहुंची थी. काउंसलिंग के बाद अपराध पंजीबद्ध करने के लिए पैसे की मांग की गई.
एसीबी ने आरोपिया को प्रार्थिया से बीस हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है. आरोपिया से रिश्वत की रकम गवाहों के समक्ष जब्त की गई है. प्रकरण में गवाहों का कथन लिया जाना शेष है, अभियुक्ता की जमानत होने पर गवाहों को प्रभावित कर सकती है. यह कहते हुए प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया.