बिलासपुर. न्यायधानी में राजस्व व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अवैध क्लिनिकों पर कार्रवाई की है. कोटा में देर रात तक चली कार्रवाई में जांच के बाद 4 क्लिनिकों को सील कर दिया गया. इनमें टेंगनमाड़ा के दीपक के गुप्ता क्लिनिक और करगी कला के चिरंजीत विश्वास क्लिनिक के साथ ही कोटा में संचालित विश्वास क्लिनिक और मरावी क्लिनिक शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक, मरावी क्लिनिक का संचालक देवशंकर मरावी है, जो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में क्लर्क पद पर कार्यरत हैं. कलेक्टर अवनीश शरण ने इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रखने के निर्देश दिए हैं.
कोटा एसडीएम युगल किशोर उर्वशा के नेतृत्व में राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार शैली में दबिश देकर कार्रवाई की है. कोटा में गुरुद्वारा के पीछे संचालित मरावी क्लिनिक और महाशक्ति चौक में संचालित विश्वास क्लिनिक की जांच की गई. दोनों ही क्लिनिक में भारी मात्रा में एलोपैथी दवाइयां और इंजेक्शन पाए गए. मौके पर जांच के दौरान मरीजों की लंबी कतार देखी गई. विश्वास क्लिनिक में इलाज कराने आए धनरास के ग्रामीण विशंभर सिंह को कुल 713 रुपए की दवाई देकर 1300 रुपए वसूला गया, जिसे तहसीलदार ने वापस कराया.
सीएचसी का क्लर्क भी चला रहा था अवैध क्लिनिक
इसके अलावा मरावी क्लिनिक में भी कार्रवाई की गई. इसके संचालक देवशंकर मरावी हैं, जो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में क्लर्क के पद पर पदस्थ हैं. यहां भारी मात्रा में एलोपैथी दवाइयां रखकर इलाज किया जा रहा था. बिना डिग्री के इलाज और भारी मात्रा में भंडारित एलोपैथी दवाइयों और इंजेक्शन के कारण उक्त क्लीनिक को तहसीलदार ने सील कर दिया.