रायपुर रेलवे स्टेशन में अपने ही नियम शर्तों का टेंडर जारी कर फंसी रेलवे ने ठेका निरस्त कर दिया,टेंडर में अपनी गलती… मीडिया को कौन दे रहे भ्रामक जानकारी ? कागजों में सच कुछ और…

रायपुर रेलवे स्टेशन में अपने ही नियम शर्तों का टेंडर जारी  कर फंसी रेलवे ने अब ठेका निरस्त कर दिया है. लेकिन मीडिया में रेलवे के विभिन्न सूत्रों के हवाले से ये भ्रामक खबरें प्रकाशित करवाई कि रायपुर रेलवे स्टेशन में पार्किंग का ठेका इसलिए निरस्त किया गया है कि ठेकेदार अपनी मनमानी और अवैध वसूली कर रहे थे. लेकिन कागजों में इसकी सच्चाई कुछ और है.  पड़ताल में पता चला है कि जिन नियम शर्तों का हवाला देकर टेंडर निरस्त किया गया है उसमें कागजों में ठेकेदार की गलती न बताकर कुछ और बताया गया है. रायपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग के एक सूत्र ने लल्लूराम को ये बताया है कि रेलवे ठेकेदार को ईएमडी की राशि देने की तैयारी में है और ऐसा तब होता है जब रेलवे अपनी गलती मानकर ठेका निरस्त करता है.

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जबकि मीडिया में रेलवे के अधिकारी लगातार सुर्खियों में बने रहने के लिए ये दावा कर रहे थे कि रायपुर रेलवे स्टेशन के पार्किंग में अवैध वसूली हो रही थी जिसके बाद ठेकेदार के खिलाफ ये टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई की गई. अब सवाल ये है कि ठेका निरस्त करने के पीछे जब रेलवे ने अपनी गलती कागजों में स्वीकार की तो वे मीडिया में ये भ्रामक जानकारी क्यों प्रसारित कर रहे है ? ये रेलवे के उच्च अधिकारियों के लिए जांच का विषय है.

EMD की राशि वापस करने के पीछे भी कोई वजह ?

 विश्वस्त सूत्र ईएमडी की राशि वापस करने और कागजों में रेलवे की गलती स्वीकार करने के पीछे की वजह भी कुछ और बता रहे है. सूत्रों का दावा है कि रेलवे ने जिन शर्तों पर टेंडर जारी किया था ठेकेदार उन्हीं शर्तों पर काम कर रहा था. यही कारण है कि कानूनी रूप से ठेकेदार का पक्ष पूरे तरीके से मजबूत था. संभवतः यही कारण है कि रेलवे को मीडिया में अपनी साख बचाने के लिए कुछ भ्रामक जानकारी और कागजों में अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी.

गुढ़ियारी की तरह वहीं नियम जो पहले सामने थे, ऐसा कैसे ?

रायपुर रेलवे स्टेशन में अब रेलवे यात्रियों के साथ दो अलग-अलग नियमों पर चलने की तैयारी में है. गुढ़ियारी की ओर यही आप गाड़ी रखेंगे तो आपको 5 और 7 मिनट की फ्री पार्किंग का लाभ मिलेगा. जो सामने की तरफ गाड़ी रखने वाले यात्रियों को नहीं मिलेगा. अब सवाल ये है कि यदि रेलवे ने अपने सामने के टेंडर में अपनी गलती मानकर ठेका निरस्त कर दिया है तो गुढ़ियारी की तरफ उसी ठेके से पार्किंग कैसे संचालित हो रही है ? एक सवाल ये भी है कि ऑटो चालकों को फ्री पार्किंग की सुविधा सामने की ओर दी जा रही है, जबकि पीछे यानी गुढ़ियारी की तरफ ऑटो चालकों को ऐसी सुविधा क्यों नहीं मिल रही? इन दोनो सवालों का जवाब रायपुर रेल मंडल के अधिकारी बेहतर तरीके से दे पाएंगे.

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