सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने के बाद शीर्ष न्यायालय की फटकार के बाद तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने बिना शर्त माफी मांग ली

Revanth Reddy Vs Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने के बाद शीर्ष न्यायालय की फटकार के बाद तेलंगाना (Telangana) के सीएम रेवंत रेड्डी ने बिना शर्त माफी मांग ली है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री बैकफुट पर आए। उन्होंने शुक्रवार को बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी। रेड्डी ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका के प्रति मेरा सर्वोच्च सम्मान और पूर्ण विश्वास है। मैं समझता हूं कि 29 अगस्त की कुछ प्रेस रिपोर्टों में मेरे नाम से की गई टिप्पणियों से यह आभास हुआ है कि मैं न्यायालय के न्यायिक विवेक पर सवाल उठा रहा हूं, लेकिन यह दोहराता हूं कि मैं न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास रखता हूं।

दरअसल तेलंगाना के सीएम रेड्डी ने विगत बुधवार (28 अगस्त) को कहा था कि बीजेपी और बीआरएस में लोकसभा चुनाव में हुई डील के कारण के. कविता को पांच महीने में ही बेल मिल गई है। मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद जमानत मिल गई। वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अभी भी जेल में बंद हैं। रेड्डी की इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी।

I have the highest regard and full faith in the Indian Judiciary. I understand that certain press reports dated 29th August, 2024 containing comments attributed to me have given the impression that I am questioning the judicial wisdom of the Hon’ble Court.

I reiterate that I am…

— Revanth Reddy (@revanth_anumula) August 30, 2024

इसपर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश रेवंत रेड्डी को दिया था। रेड्डी ने कहा, मैं प्रेस रिपोर्टों में व्यक्त किए गए बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूं। ऐसी रिपोर्टों में मेरे नाम से की गई टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है। न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्रता के प्रति मेरे मन में बिना शर्त सम्मान और सर्वोच्च आदर है। भारत के संविधान और उसके लोकाचार में दृढ़ विश्वास रखने वाले के रूप में मैं न्यायपालिका को सर्वोच्च सम्मान देता हूं और देता रहूंगा।

जस्टिस बीआर गवई ने की थी तल्ख टिप्पणी

बता दें कि सीएम रेड्डी की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। जस्टिस बीआर गवई ने कहा था कि रेड्डी एक संवैधानिक पद पर हैं, लेकिन उन्होंने बेहद गैरजिम्मेदारना बयान दिया है। कोर्ट नेताओं से पूछकर नहीं, कानून के मुताबिक फैसले करती है। हमें इससे फर्क नहीं पड़ता है कि हमारे फैसलों को लेकर नेता अथवा अन्य कोई क्या कहता है।

के. कविता दिल्ली के शराब नीति घोटाले में हैं आरोपी

बता दें कि के. कविता दिल्ली के शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 27 अगस्त को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में के. कविता को जमानत दे दी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में के कविता की जमानत मंजूर की है। कोर्ट का कहना था कि सीबीआई-ईडी की जांच पूरी हो गई है, इसलिए जांच के लिए अपीलकर्ता (के. कविता) की हिरासत जरूरी नहीं है. के. कविता 5 महीने से हिरासत में हैं। इस केस में 493 गवाह हैं। 50 हजार दस्तावेज हैं। ऐसे में ट्रायल के जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है, इसलिए जमानत दी जाती है। 

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