Swati Maliwal Attack On Delhi CM Atishi: आतिशी दिल्ली की नई सीएम (Delhi CM) बनेंगी। AAP विधायक दल की बैठक में पार्टी की नेता चुनीं गई। इसी के साथ ही आतिशी के सीएम बनना तय हो गया। आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बनाए जाने पर राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का रिएक्शन सामने आया है। मालीवाल ने आतिशी को सीएम बनाने पर जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने AAP के इस फैसले को दिल्ली के लिए दुखद करार देते हुए कहा कि जिसके पिता ने आतंकी अफजल गुरु को बचाने की कोशिश की थी, आज उसकी बेटी को ही मुख्यमंत्री बनाया गया है।
स्वाति मालीवाल ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी थी।
दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी।
उनके माता पिता ने आतंकी अफ़ज़ल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाऐं लिखी।
उनके हिसाब से… pic.twitter.com/SbllONqVP0
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) September 17, 2024
आप सांसद ने आगे लिखा कि- उनके माता पिता ने आतंकी अफ़ज़ल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाऐं लिखी। उनके हिसाब से अफ़ज़ल गुरु निर्दोष था और उसको राजनीतिक साज़िश के तहत फँसाया गया था।
दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने आतिशी को डमी सीएम बताते हुए कहा कि वैसे तो आतिशी मार्लेना सिर्फ ‘Dummy CM’ है, फिर भी ये मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. भगवान दिल्ली की रक्षा करे!
विभव कांड में आतिशी ने लगाए थे स्वाति पर आरोप
बता दें कि आतिशी और स्वाति मालीवाल के बीच जुबानी जंग का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले स्वाति मालीवाल ने जब सीएम हाउस में उनके पूर्व पीए विभव राय की तरफ से मारपीट करने का आरोप लगाया था तब आतिशी ने स्वाति पर हमला किया था। तब आतिशी ने दावा किया था कि सांसद स्वाति मालीवाल अवैध भर्ती मामले में आरोपों का सामना कर रही हैं। उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही, इसी वजह से उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने ‘ब्लैकमेल’ कर मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ साजिश का हिस्सा बनाया है। आतिशी ने आरोप लगाया था कि मालीवाल मुलाकात का समय लिए बिना मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर पहुंचीं थीं।
15 सितंबर को केजरीवाल ने सीएम से हटने का किया था ऐलान
बता दें कि 13 सितंबर को शराब नीति केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि, ‘अब जनता तय करे कि मैं ईमानदार हूं या बेईमान। जनता ने दाग धोया और विधानसभा चुनाव जीता तो फिर से कुर्सी पर बैठूंगा।