बिलासपुर.लैंगिक उत्पीड़न के आरोप से घिरे वरिष्ठ आईपीएस के मामले में हाईकोर्ट की डबल बैंच में सुनवाई हुई। इसमें एडीजी के दोषी पाए जाने पर भी अब तक करवाई नहीं होने को लेकर दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने गृह सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर 3 जुलाई तक जवाब मांगा है।
मंगलवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टी राधाकृष्ण और जस्टिस शरद गुप्ता की डबल बैंच ने लैंगिक उत्पीड़न के आरोपी एडीजी और बिलासपुर के तत्कालीन आईजी पवन देव पर अब तक कार्रवाई नहीं होने के मामले की सुनवाई की. इस दौरान पूरे घटनाक्रम को डबल बैंच ने सुना और कार्रवाई नहीं करने को लेकर प्रदेश के गृह सचिव और डीजीपी से जवाब मांगा है।
ये था मामला..
एडीजी और बिलासपुर के तत्कालीन आईजी पवन देव पर मुंगेली की एक महिला आरक्षक ने देर रात बंगले बुलाये जाने और फोन पर अश्लील बातें करने का आरोप लगाया था। इस पर राज्य सरकार ने आईपीएस रेणु पिल्ले की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर एडीजी देव पर लगे आरोपों की जांच कराई जिसमे एडीजी पर सारे आरोप साबित हुए।
फिक्स मैच बताया अधिवक्ता ने..
पीड़िता के वकील ने सुनवाई में तर्क देकर इसे मैच फिक्सिंग बताया। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध एवं निदान) अधिनियम, 2013
के तहत राज्य शासन को विशाखा कमेटी की अंतिम रिपोर्ट मिल चुकी है तो पुनः नया आरोप पत्र जारी करना न केवल विधि के विपरीत है बल्कि पवन देव को बचाने की सोची समझी साजिश है।