डिप्टी सीएम साहब,सरकार बदलने से सभापति को आयुक्त से लेटर में बात करनी पड़ती है,सामान्य सभा न होना लोकतांत्रिक मूल्यों का अतिक्रमण है – शैलेश.

•जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं तो जनता की क्या सुनते होंगे अधिकारी.

•पिछली सरकार के ही सैंक्शन काम ही हुए है अब तक और निगम के विकास कार्य में बाधा और कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव अटके.

बिलासपुर. नगर के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता शैलेश पाण्डेय ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि 27 फ़रवरी 2024 से नगर निगम बिलासपुर की कोई भी सामान्य सभा नही हुई है और इसके चलते ढेर सारे प्रस्ताव लटके हुए है और विकास कार्य भी नहीं हो पा रहे है क्योंकि सभी पर मोहर सामान्य सभा की लगती है,सरकार बदलते ही अधिकारियों की कार्यशैली बदल गई है और बीजेपी सरकार के आते ही अधिकारी पार्षदों और सभापति और मेयर की सुनना बंद कर दिये है इसका ख़ामियाज़ा जनता को भुगतना पड़ रहा है।पेंशन और जातिप्रमाण पत्र का निराकरण न होने से ग़रीबों पर सीधा अत्याचार हो रहा है।

सभापति और आयुक्त मीडिया में बयान दे रहे है या मीडिया के माध्यम से बात कर रहे है ये लोकतंत्र के लिए सही नहीं है और चुने हुए प्रतिनिधियों की अगर बीजेपी सरकार में सुनवाई नहीं होगी तो तो जनता की सुनवाई की तो हम आशा ही न रखे,जनता अपना प्रतिनिधि निगम में भेजती है इसलिए कि वो उनकी बातें और माँगे रख सके लेकिन सभापति शेख़ नज़ीरुद्दीन कई बार लेटर भेजने के बाद भी आयुक्त महोदय का सामान्य सभा न करवाना और टालना लोकतंत्र के लिए घातक है और ये गलत भी है।

बीजेपी की सरकार और आयुक्त आख़िर किस लिये सामान्य सभा नही करना चाहते है,क्या सरकार के पास फण्ड नहीं है या फिर सरकार फण्ड देना नहीं चाहती है,वैसे शायद अभी तक केवल पन्द्रहवें वित्त का पैसा आया है और सरकार अभी तक कोई भी फण्ड नहीं दे पायी है निगम को और केवल सुर्ख़ियों में केवल घोषणा और काग़ज़ों में केवल विकास दिखाया जा रहा है। अधिकारी अगर निगम के सभापति की नही सुन रहे है तो ये बहुत ही गंभीर बात है,सरकार को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए और डिप्टी सीएम साहब इस विभाग के मंत्री भी है इसलिए उनको तत्काल मामले में रुचि लेते हुए दिशा और निर्देश देना चाहिए।

You May Also Like

error: Content is protected !!