‘OMG’: ट्रेजरी का रिकॉर्ड अफसर बेच खाए, प्रशासन बेखबर.

बिलासपुर. कुछ नया बनाने की चाह में जिला कलेक्ट्रेट के ट्रेजरी विभाग ने करीब दस साल के रिकॉर्ड को कबाड़ी में बेच डाला और किसी को कानोकन खबर तक नहीं हुई। यह मसला बड़ा अजीबोगरीब है लेकिन ऐसा हुआ है। ट्रेजरी के पुराने रिकॉर्ड रूम को ध्वस्त करने से पहले लगभग 60 हजार रूप से अधिक के पुराने दस्वावेजों को किसी कबाड़ी के पास खपा दिया गया है। ‘OMG NEWS NETWORK’ ने जब इसकी पड़ताल कि तो पता चल रहा है कि अब वहां पिंक टायलेट बनाया जा रहा है वहीं इस बारे में ट्रेजरी विभाग से लेकर आस पड़ोस बिल्डिंग के अफसर – कर्मचारी खामोश हैं।

राजस्व रिकार्ड के लिए एक तो वैसे भी खूब मारामारी और कही पुराना रिकार्ड हो तो गई भैंस पानी में की तर्ज पर चक्कर लगाते रहो और रिकॉर्ड खोजते रहो। गनीमत रिकॉर्ड मिल गया तो मोटे चढ़ावे के बूते पर ‘OMG न्यूज की पड़ताल में पता चला है कि ट्रेजरी विभाग ने कमाल कर दिया है। ऐसा जादू किया कि 60 हजार रुपए के पुराने रिकॉर्ड के सारे दस्तावेजों को रद्दी के मोल के चुपके से कबाड़ में बेच दिया। इससे पहले उक्त स्थान पर ट्रेजरी विभाग का रिकॉर्ड रूम हुआ करता था जो अब करीब बीस लाख की लागत से पिंक टायलेट में तब्दील होने जा रहा है।

न जाने ट्रेजरी विभाग को ऐसा क्या भूत सवार हुआ कि बिना किसी को बताए सारे करीब दस साल पुराने रिकॉर्ड को कबाड़ में खपा दिया इधर दस्तावेजों को बेच कबाड़ी से कमाई गई रकम के बारे में भी कोई हिसाब किताब नहीं है। पुष्ट सूत्रों की माने तो उक्त रकम चुपके से अफसर और स्टाफ की जेब में चली गई है और पूछने पर ट्रेजरी विभाग समेत आस पास के बिल्डिंग वाले बगले झांकने लगते हैं।

परमिशन लिया की नहीं,लेखा जोखा कहा जांच का विषय.

कलेक्टरेट बिल्डिंग में ठीक ट्रेजरी विभाग के पीछे और राजस्व अभिलेख कोस्ठ के ठीक सामने लगभग 25 दिन पहले ट्रेजरी विभाग का छोटा सा रिकॉर्ड रूम हुआ करता था। जिसमें अब पिंक टायलेट का निर्माण हो रहा है जो मार्च में महिला दिवस के अवसर पर मूर्त रूप लेगा। आश्चर्य की बात हैं कि किसी की नजर इस पर नहीं पड़ी जबकि दिन भर राजस्व अभिलेख कोस्ठ में भारी आवाजाही लगी रहती है। ‘OMG NEWS’ ने अपनी पड़ताल के दौरान जब इस बात की जिक्र किया तो अफसर और स्टाफ के कान खड़े हो गए। अपुष्ट सूत्र ने बताया कि रिकॉर्ड रूम के सारे दस्तावेज को तो काफी पहले कबाड़ी में बेच दिया गया है लेकिन यह कमाल किसके किया इस पर सस्पेंस बना हुआ है जो जांच या उच्च अधिकारियों से संपर्क के बाद ही पता चल पाएगा।

जिला कोषालय अधिकारी सिंग ने ‘OMG NEWS’ से कहा कि.

नए पिंक टायलेट के निर्माण और पुराने रिकार्ड के बारे में पूछे जाने पर जसपाल सिंग जिला कोषालय अधिकारी ने कहा कि करीब दस साल पुराने दस्तावेज थे सब की कहानी खत्म हो चुकी थी। अब वहां पिंक टायलेट का निर्माण हो रहा है। कितने की लागत से निर्माण हो रहा और रिकॉर्ड कहा गए इस बारे फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

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