रायपुर। छत्तीसगढ़ में अपराधी बेलगाम हो गए हैं. इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर हो रहा है, जो हर तीन से चार घंटे में दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं. केवल बलात्कार ही नहीं हत्या, लूट, अपहरण जैसे मामलों में रायपुर प्रदेश की राजधानी बना हुआ है. इन झकझोर देने वाले आंकड़ों का खुलासा खरसिया विधायक उमेश पटेल के जवाब में गृह मंत्री विजय शर्मा ने सदन में किया. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने रायगढ़ जिले सहित प्रदेश में जनवरी 2024 से 2025 तक हत्या, लूटपाट, अपहरण, चोरी, डकैती और बलात्कार के दर्ज मामलों के संबंध में सवाल किया. इसके साथ अपराध को रोकने के लिए किए गए उपायों की जानकारी मांगी. गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में साल 2024 से 2025 के बीच हत्या के 1114, लूट के 458, अपहरण के 3644, चोरी के 7960, डकैती के 56 और बलात्कार के 3191 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें रायगढ़ जिला हत्या के मामले में तीसरा, लूट में पांचवा, अपहण में दसवां, चोरी में पांचवा, डकैती में पांचवा और बलात्कार के मामले में छठवें स्थान पर है. रायपुर डकैती को छोड़कर हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार के मामलों में राजधानी बना हुआ है. यहां पिछले एक साल में हत्या के 93, लूट के 80, अपहरण के 515, चोरी के 1645, डकैती के 9 और बलात्कार के 268 केस दर्ज किए गए. इन सब आंकड़ों में बलात्कार के आंकड़े सबसे ज्यादा चौकाने वाले हैं. प्रदेश में एक साल के भीतर बलात्कार के 3191 केस दर्ज किए गए हैं. इस हिसाब से रोज प्रदेश में 8 से 9 महिलाएं हवस का शिकार बन रही हैं. इस तरह से छत्तीसगढ़ में हर 3 से 4 घंटे में महिला के साथ दुष्कर्म हो रहा है.
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