रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष धान खरीदी के नए कीर्तिमान स्थापित हुए हैं. राज्य सरकार ने किसानों से 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास किए गए, जिनका परिणाम अभूतपूर्व रहा है.
धान खरीदी का ऐतिहासिक रिकॉर्ड
धान उत्पादन में अग्रणी छत्तीसगढ़ ने इस बार ऐतिहासिक रूप से अधिकतम मात्रा में धान खरीदी की है. राज्य सरकार द्वारा 1 नवंबर 2024 से 15 फरवरी 2025 तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई. इस दौरान कुल 24.5 लाख किसानों ने अपनी उपज सरकार को बेची. धान खरीदी के इस नए कीर्तिमान के पीछे विष्णु देव साय सरकार की पारदर्शी नीतियां और किसान-हितैषी योजनाएं प्रमुख रूप से जिम्मेदार मानी जा रही हैं. सरकार ने न केवल रिकॉर्ड तोड़ धान खरीदी की, बल्कि किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया और फसल को सुरक्षित रखने के लिए उन्नत व्यवस्थाएं भी लागू कीं.
धान खरीदी में पारदर्शिता और डिजिटल मॉनिटरिंग
राज्य सरकार ने इस बार धान खरीदी प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटलाइज्ड किया, जिससे किसानों को न्यूनतम परेशानी हुई. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए किसानों को धान बेचने की सुविधा दी गई, जिससे किसी भी तरह की बिचौलिया व्यवस्था समाप्त हो गई.सरकार ने 1700 से अधिक खरीद केंद्रों की स्थापना की, जहां किसानों को उनकी फसल का समर्थन मूल्य प्रदान किया गया.

अर्थव्यवस्था को मिला बढ़ावा
धान खरीदी के बाद सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि किसानों को उनकी फसल का भुगतान बिना किसी देरी के मिले. अब तक सरकार ने 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर की है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है..इसके अलावा, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ ही कस्टम मिलिंग प्रक्रिया को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि प्रदेश के नागरिकों को उचित मूल्य पर चावल उपलब्ध कराया जा सके और राज्य की खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सके.
साय सरकार की किसान-हितैषी नीतियां
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस रिकॉर्ड धान खरीदी पर कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है. हमने पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था को लागू करते हुए किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने का कार्य किया है. यह किसानों की मेहनत और सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि हम इस बार ऐतिहासिक धान खरीदी कर सके.”
राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए कई अहम कदम उठाए हैं:
धान बेचने वाले किसानों को अतिरिक्त बोनस राशि दी गई.
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया गया, जिससे धान उत्पादन में वृद्धि हुई.
खाद-बीज की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की गई, जिससे किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो.
किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया गया.
नया रिकॉर्ड बनने से किसानों में उत्साह
धान खरीदी में नया रिकॉर्ड बनने के बाद छत्तीसगढ़ के किसानों में खुशी की लहर है. रायपुर जिले के किसान रामप्रसाद साहू का कहना है, “पहली बार ऐसा हुआ है कि हमें धान का पूरा पैसा समय पर मिल गया. पहले कई बार भुगतान में देरी होती थी, लेकिन इस बार सरकार ने ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया को तेज कर दिया है.” इसी तरह, दुर्ग के किसान गोविंद पटेल ने बताया, “धान खरीदी केंद्रों पर इस बार कोई अव्यवस्था नहीं थी.सरकार ने सही समय पर बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित की, जिससे हमें कोई परेशानी नहीं हुई.”
देश का सबसे बड़ा धान उत्पादक राज्य
इस रिकॉर्ड धान खरीदी के साथ ही छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा धान उत्पादक राज्य बन गया है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य की जलवायु, उन्नत कृषि तकनीक और सरकारी योजनाओं की वजह से धान उत्पादन लगातार बढ़ रहा है.विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार हुई रिकॉर्ड धान खरीदी से राज्य की जीडीपी में 3% तक की वृद्धि होने की संभावना है.
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष धान खरीदी का नया कीर्तिमान बना है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद कर सरकार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और राज्य ने धान उत्पादन के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया है.
सरकार की पारदर्शी नीतियां, डिजिटल प्रक्रिया, समय पर भुगतान और किसानों के प्रति प्रतिबद्धता के चलते यह उपलब्धि संभव हो पाई है. आने वाले वर्षों में भी छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के हित में इसी तरह काम करती रहेगी, जिससे राज्य की कृषि और अधिक उन्नति कर सके.

