सुकमा. प्रदेश के सुकमा जिले में सीआरपीएफ 74वीं बटालियन ने आज अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों व किसानों में जैविक खेती व जलसंरक्षण की जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किया. इस आयोजन में 200 से अधिक ग्रामीणों और किसानों ने कार्यक्रम लाभ उठाया.

समय समय पर सुरक्षा के साथ साथ लोगों के व क्षेत्र के विकास के लिए तत्परता से कार्य करने वाली सीआरपीएफ 74वी बटालियन ने चिंतलनार में जैविक खेती व जलसंरक्षण जागरूकता का कार्यक्रम आयोजित कर कैसे किसान अच्छी आमदनी कर सकते है. और जल संरक्षण कर कैसे पानी की कमी को दूर किया जा सकता है. विषय पर कार्यक्रम आयोजित जिसमें उद्यान विकास अधिकारी वंशी श्रीनिवास व कृषि विस्तार अधिकारी ऋषभ कुमार के द्वारा किसानों व ग्रामीणों को जागरूक किया गया. साथ ही सब्जी उगाकर जहरीली केमिकल खाद से बचा जा सकता है. और जैविक खेती से क्या क्या लाभ होता है. इस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें बटालियन के कमांडेंट हिमांशु पांडे अस्सिटेंट कमांडेंट सुखवीर सिंह ,जय सिंह राजपुरोहित के मौजूदगी में कार्यक्रम आयोजित किया गया . जिसका लाभ लेने चिंतलनार व आसपास के सैकड़ों किसान व ग्रामीणों ने लाभ लिया साथ ही कार्यक्रम में ग्रामीणों व किसानों को लौकी , सेमी , टमाटर , पालक व मैथी जैसे सब्जी के बीजों का वितरण किया गया.
जैविक खेती व जलसंरक्षण बेहतर स्वस्थ के लिए जरूरी – हिमांशु पांडे
सीआरपीएफ 74वी बटालियन के कमांडेंट हिमांशु पांडे ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि आज कल बाजारों में कैमिकल युक्त खाद के इस्तेमाल से स्वास्थ्य में काफी बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है. वही हम ग्रामीणों को जैविक खेती के प्रति जागरूक कर रहे है. ताकि वो जैविक खेती के माध्यम से अच्छी आमदनी प्राप्त कर सके और आर्थिक रूप से मजबूत हो सके. साथ ही गर्मी के दिनों में कैसे वाटर लेवल में सुधार किया जाए ताकि पानी की समस्या को दूर किया जा सके . इन प्रमुख मुद्दों पर आज जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया . और ग्रामीणों ओर किसानों के बीच सब्जी के बीजों का वितरण भी किया गया.

