आदित्य वाहिनी ने अधोक्षजानंद नकली शंकराचार्य दिया करार, सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंप प्रतिबंधित करने मांग की.

बिलासपुर. गुरुवार को आदित्यवाहिनी की जिला ईकाई ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंप प्रदेश में नकली शंकराचार्य के रूप में स्वयं को प्रचारित करने वाले व्यक्ति अधोक्षजानंद के आगमन को प्रतिबंधित कर उचित कार्यवाही करने की मांग की है।

ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंचे आदित्यवाहिनी की जिला ईकाई टीम ने बताया कि दुर्ग जिले के जामुल नगर पालिका में एक यज्ञ का आयोजन हो रहा है। यज्ञ के कार्यक्रम में उक्त व्यक्ति अधोक्षजानंद स्वयं को पुरी पीठ के शंकराचार्य के रूप में प्रचारित कर सम्मिलित होने जा रहा है। इस प्रकार स्वयं को नकली शंकराचार्य के रूप में प्रचारित करने से प्रदेश के हिन्दू धर्मावलंबियों में रोष है तथा हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पर आघात है। आदित्यवाहिनी द्वारा धार्मिक यज्ञ के कार्यक्रम का स्वागत किया गया है। किंतु उक्त अवांछित व्यक्ति को प्रतिबंधित करने की मांग की गई है।

मालूम हो कि उक्त व्यक्ति अधोक्षजानंद उडीसा हाईकोर्ट द्वारा भी प्रतिबंधित है तथा अनाधिकृत रूप से शंकराचार्य के नाम से स्वयं को प्रचारित करता है। सर्वविदित है कि वर्तमान में पुरी पीठ के शंकराचार्य अनंतश्रीविभूषित स्वामिश्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाभाग हैं। जिनसे कि सुप्रीम कोर्ट भी समय समय पर मार्गदर्शन लेता रहा है।

उक्ताशय से आदित्यवाहिनी के पदाधिकारी एवं सदस्यों सहित अनेक लोग जिनमें रोशन अवस्थी, ऋषि कुमार शर्मा, उत्सव शर्मा,ज्योतिंद्र उपाध्याय, गिरिजा शंकर यादव,कुलदीप बघेल,सिद्धार्थ दीक्षित,राजीव बेहरा और विवेक शर्मा व अन्य ने उपस्थित होकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

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