एक दिन बाद शुरू होनी थी कथा.
बिलासपुर. सीपत स्थित दर्राभाटा एनटीपीसी में शनिवार 19 अप्रैल को होने वाली पंडित अनिरुद्रा चार्य महाराज की कथा के लिए बनाया गया विशाल पंडाल तेज आंधी में उड़कर पूरी तरह से टूट गया। यह घटना कथा शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हुई, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
जानकारी के अनुसार, कथा स्थल पर श्रद्धालुओं के बैठने के लिए एक विशाल डोम पंडाल बनाया गया था। शुक्रवार को अचानक मौसम बदला और तेज आंधी चलने लगी। आंधी की गति इतनी तेज थी कि पंडाल के लोहे के खंभे मुड़ गए और पूरा ढांचा हवा में उड़कर बिखर गया। पंडाल का मलबा दूर-दूर तक फैल गया।
घटना के समय पंडाल खाली था, इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई। यदि यह हादसा कथा के दौरान होता तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु घायल हो सकते थे। पंडाल के आयोजकों ने बताया कि तेज आंधी के कारण पंडाल को भारी नुकसान पहुंचा है और अब कल कथा का आयोजन कर पाना मुश्किल लग रहा है।
इस घटना ने मौसम की अनिश्चितता और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कथा स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि आंधी अचानक आई और कुछ ही मिनटों में सब कुछ तहस-नहस हो गया। उन्होंने कहा कि यह भगवान की कृपा ही है कि पंडाल कथा शुरू होने से पहले टूटा, वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था।
पंडाल टूटने की सूचना मिलते ही एनटीपीसी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। नुकसान का आकलन किया जा रहा है और कथा के आयोजन को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है। फिलहाल, पंडाल के मलबे को हटाने का काम जारी है। इस घटना ने श्रद्धालुओं को निराश जरूर किया है, लेकिन सभी इस बात से राहत महसूस कर रहे हैं कि कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।


