रायपुर.पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने एक बयान जारी कर कहा है कि राफेल डील मोदी सरकार का एक बहुत बड़ा घोटाला है और इस डील में सरकारी प्रक्रियाओं की जमकर धज्जियाँ उड़ाई गई हैं जिसके कारण भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान ख़रीद सौदे में 41 हजार 205 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि रक्षा ख़रीद प्रक्रिया अधिनियम 2005 के तहत सभी विदेशी कंम्पनियों को रक्षा करार का एक हिस्सा भारत में निवेश करना था जो नहीं हुआ और सरकार इसे छिपाना चाह रही है। राफेल लड़ाकू जेट का प्रोद्योगिकी हस्तांतरण नहीं हो रहा है इस पर भी सरकार स्थिति स्पष्ट करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि विमान के मूल्य निर्धारण या मोल-भाव में भी मोदी सरकार झुक गई और भारत की गरिमा से खिलवाड़ किया।
डॉ महंत ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने इस विमान में कुछ अपनी ज़रूरतों के मुताबिक़ विशेष प्रकार की तब्दीली की मांग की थी ताकि अपने हथियार उसमें लगाए जा सकें लेकिन सरकार इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं करना चाहती और न ही चर्चा करना चाहती है। इसका सीधा अर्थ है कि ये लड़ाकू विमान क्लोस सिस्टम की तरह होगा जिसमें हथियार भी फ्रांस से ही ख़रीद कर लगाने की बाध्यता होगी। क्या इतने गंभीर विषय को स्पष्ट करने की जरूरत इस मोदी सरकार को नहीं है?
डॉ चरणदास महंत ने आरोप लगाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान ख़रीद सौदे से जुड़े तथ्यों को न केवल छुपाया है बल्कि आनन-फानन में डील के लिए जरूरी प्रक्रियाओं में भी बदलाव किया है और तय मानकों का उल्लंघन किया है।