किसानों को यूरिया देने में नाकाम कमलनाथ सरकार..

‘विजया पाठक’

मध्यप्रदेश में यूरिया संकट गहराता जा रहा है। राज्य में चौतरफा कोहराम और अराजकता के हालात बन रहे हैं। यूरिया लेने सहकारी समितियों की चौखट पर लंबी-लंबी कतारों में किसान थक-हारकर अपना धैर्य खो रहे हैं। जगह-जगह से धरना, प्रदर्शन, चक्काजाम, पथराव की खबरें आ रही हैं। इस मुद्दे को लेकर सियासत काफी गर्मा गई है।

सत्ता पक्ष यूरिया की कमी का ठीकरा केन्द्र पर फोड़ रहा है, वहीं बीजेपी का कहना है कि सरकार की नाकामी इसके लिए जिम्मेदार है।
यह भी सच है कि जब-जब देश या प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही किसानों को सबसे प्रमुख जरूरत यूरिया खाद की किल्लत झेलनी पड़ी। यह सरासर सरकार की ही नाकामी है कि वह किसानों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाती। कभी भी देश में यूरिया जैसी खाद की किल्लत नहीं होती है। सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था सही हो तो यह आसानी से उपलब्ध हो सकती है। आज भी मध्यप्रदेश में वही स्थिति है। कमी यूरिया की नहीं है। औने-पौने दाम में यूरिया उपलब्ध है। जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने में कमलनाथ सरकार नाकाम है।
रबी सीजन में यूरिया सर्वाधिक मांग वाली खाद होती है और उसकी उपलब्धता सदैव कम होती है। इस वर्ष भी अक्टूबर माह में 4 लाख 50 हजार टन यूरिया की मांग के विरूद्ध प्रदेश में लगभग 2 लाख 90 हजार टन यूरिया की ही आवक हो पाई है। मध्यप्रदेश में औसत से 30 से 40 फीसद ज्यादा बारिश होने की वजह से हर किसान रबी फसलें अधिक से अधिक लेना चाहता है, जिसके लिए उसे यूरिया चाहिए। राज्य ने इस वजह से केंद्र सरकार से रबी सीजन के लिए 18 लाख मीट्रिक टन यूरिया देने की मांग रखी थी, लेकिन काफी चर्चा के बाद भी दो लाख 60 हजार मीट्रिक टन मांग घटाकर पूरे सीजन के लिए कोटा 15 लाख 40 हजार मीट्रिक टन तय कर दिया। अक्टूबर में 4,25,000 मीट्रिक टन की मांग थी, मिला 2,98,000 मीट्रिक टन। नवंबर में 4,50,000 मीट्रिक टन मांगा तो मिला 4 लाख टन। मतलब साफ है कि प्रदेश को समय-समय पर मिलता रहा है। कम जरूर मिल रहा है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बिल्कुल नहीं मिल रहा। सवाल है कि जो यूरिया मिल रहा है कम से कम उसे तो सही दाम पर किसानों तक पहुंचाया जाए। प्रदेश में 27,000 टन यूरिया स्टॉक में है। डीएपी 1118 टन स्टॉक में है। मध्यप्रदेश के गोदामों में मौजूद है। भारत सरकार के रिकॉर्ड में हैं। सरकार वितरण के सिस्टम को सही रखें, कालाबाजारी हो रही है, जो बोरी 250 रूपये की है वो 475 रूपये तक मिल रही है।

You May Also Like

error: Content is protected !!