‘विजया पाठक’
हाल ही में पाकिस्तान के ननकाना साहिब में भीड़ ने सिखों के पवित्र स्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पथराव किया था और सिखों के खिलाफ नारेबाजी की थी। इसके कारण पहली बार भजन-कीर्तन रद्द करना पड़ा। ननकाना साहिब गुरूनानक का जन्म स्थान है।
भीड़ की अगुवाई मोहम्मद हसन के परिवार ने की, जिस पर एक सिख लड़की का जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है। गुरुद्वारे के ग्रंथी का आरोप है कि उनकी बेटी जगजीत का कुछ लोगों ने अपहरण कर जबरन निकाह कराया। कुछ देर बाद गुरुद्वारे के मुख्य प्रवेश द्वार पर पथराव शुरू हो गया। गेट बंद करने पर गुरुद्वारे के भीतर पत्थर फेंके गए। प्रदर्शन लगभग चार घंटे चला। ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हंगामे से पूरे सिख समुदाय में भय और डर का माहौल बना रहा। पाकिस्तान ने एक बार फिर दिखा दिया है कि उसकी सरपरस्ती में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा नहीं हो सकती। ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर सैकड़ों की भीड़ ने पत्थरबाजी की, सिखों को ननकाना साहिब से भगाने और इस पवित्र शहर का नाम बदलकर गुलाम अली मुस्तफा करने की धमकी देते दिखे। इस वाकये ने पाकिस्तान का असली चरित्र सामने ला दिया। भारत ने गुरुद्वारे पर पथराव पर कड़ी निंदा की और विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
वहीं कांग्रेस भी इस मामले पर मौन धारण किए हुए है। पाकिस्तान में सिखों पर हमले हो रहे हैं और सिख दहशत में हैं लेकिन इस मामले पर कांग्रेस के किसी भी नेता का बयान तक नहीं आया। जबकि देश के अंदर सीएए और एनआरसी को लेकर पूरे देश में बवाल मचाया हुआ है। आखिर सवाल उठता है कि सिखों के इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर शांत क्यों रही। क्या कांग्रेस अब सिखों की हिमायती नहीं है। सीएए और एनआरसी पर जिस तरह सरकार को घेरा है क्या वैसा घेराव ननकाना साहिब गुरुद्वारे के हमले पर नहीं किया जा सकता है। सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग नहीं की। सब जानते हैं कि पाकिस्तान में सिख अल्प संख्यनक हैं। भारत में अल्प संख्यकों के मामले में तो खूब बवाल मचाती रही है। और वैसे भी कांग्रेस सिखों की बड़ी हमदर्द बनती है। आखिर इस मुद्दे पर खामोसी कांग्रेस की नियत और नीति पर सवाल खड़ा करती है।
इससे पहले भी 1984 के सिख दंगों पर कांग्रेस का रवैया पक्षपातपूर्ण रहा है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तानी पीएम इमरान खान से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने हमले की निंदा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से दखल की अपील की है। दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने घटना का वीडियो शेयर करते हुए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान से तुरंत कार्रवाई की मांग की। सिरसा ने कहा गुरुद्वारे पर हमले के बाद पाकिस्तान में सिख समुदाय में दहशत का माहौल है।