जो घरों को रौशन कर बैंड और फटाखो से लाते है खुशियां आज उन्हीं के सामने लॉक डाउन बना मुसीबत,रोजी रोटी को लेकर शासन-प्रशासन का दरवाजा खटखटाने हुए मजबूर..

बिलासपुर-कोरोना संक्रमण के मद्देनजर हुए लॉक डाउन भले ही आमजनों को सुरक्षित रहने की सीख दे रहा हो मगर असल मे लॉक डाउन से देश की अर्थव्यवस्था को भी गहरा असर पड़ा है। शहर के बैंड बाजा और लाइट वाले आर्थिक तंगी से गुजरने को मजबूर हो गए हैं बीच शादी ब्याह के सीजन में लॉक डाउन की मार से उनके लिए उबरना मुश्किल हो रहा है जिसके चलते अब बैंड बाजा व्यवसायी राज्य सरकार और जिला प्रशासन से मदद के लिए गुहार लगा रहे है।

मंगलवार की शाम बैंड एवं रोड़ लाईट व्यापारी संघ ने बैठक की जिसमे सभी व्यापारियों के सहमति से संघ के अध्यक्ष नासिर खान ने बताया की शादी ब्याह के सीजन के समय लॉक डाउन हो जाने से हमारा व्यापार पूरी तरह से प्रभावित हो गया हैं जहाँ एक ओर हमे पारिवारिक जिम्मेदारियो को निभाने में बेहद कठनाइयों का सामना करना पड़ा वही हमारे कर्मचारियों को भी खाने के लाले पड़ गए हैं इधर 8 माह बाद दिसम्बर से हमारे सीजन की शुरुआत (शादी ब्याह का सीजन) शुरू होगा और हमारे पास वर्तमान में दो समस्याएं ऐसी खड़ी है जिसका कोई विकल्प नजर नही आ रहा, पहला अब हम 8 माह तक अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करे, दूसरा अगर किसी तरह रूखी-सूखी खाकर अगर गुजर-बसर कर भी लेते हैं तो अपने व्यापार को फिर से सुचारू रूप से व्यवस्तिथ करने के लिए हम धन कहाँ से लाएंगे। क्योंकि अभी तक जो भी थोड़ी बहुत जमा पूंजी थी उसे भी हमने पेट की आग बुझाने में झोंक दी हैं।

अब यह प्रश्न हमारे मुंह बाए खड़ा है..

कामकाज को लेकर परेशान सभी व्यपारियों ने एक स्वर में कहा कि चूंकि हम भी इसी समाज और व्यापार के अंग है, हम केंद्र एवं राज्य सरकार से निवेदन करते हैं की हमे अपने कारोबार को दोबारा सुचारू ढंग से व्यवस्तिथ करने हेतु सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज एवं बैंक लोन आसान किस्तों के साथ ही 1 वर्ष की छूट के साथ प्रदान करने की कृपा करें ताकि हम अपने एवं सहकर्मियों के जीवन यापन की पुनः व्यवस्था सुनिश्चित करने की पहल कर सके और हम भी समाज की मुख्य धारा से जुड़ कर स्वाभिमान के साथ देश की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सके।

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