बिलासपुर. पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह फूल इलेक्शन मूड में आ गए हैं। चुनावी साल में केंद्रीय बजट के बहाने उन्होंने सामाजिक संगठन के प्रमुखों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों से गुपचुप मुलाकात की और भूपेश सरकार पर आरोप लगा नाकामियों को गिना के पिछले 15 साल बीजेपी की रमन सरकार की उपलबिधयों का बखान कर दिया। इस भेंट मुलाकात को काफी अहम मान आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है।
शायद ये खबर भूपेश सरकार और कांग्रेस संगठन और खास कर बिलासपुर व आसपास के विधानसभा में बैठे सत्ता के विधायको को चुभ जाए। ‘OMG NEWS’ की पड़ताल में पता चला है कि बीते शुक्रवार को मोदी सरकार के बजट का बखान करने के बहाने बिलासपुर आए सेंट्रल टीम पार्टी उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने लोगों के कान में मंत्र फूंक गए। सूत्रों की माने तो सर्किट हाउस में लेट होने की वजह तलाश रही मीडिया व अन्य प्रोग्राम के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को शायद ही पता हो कि डॉक्टर साहब वहां शहर के सामाजिक संगठन के प्रमुखों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मेल मुलाकात कर रहे थे। कोई बता रहा था कि पहले तो डॉक्टर साहब ने तो प्रदेश की भूपेश सरकार के सिर पे आरोप पर आरोप मढ़ा फिर धीरे से अपने कार्यकाल,यानी पिछले 15 साल की भारतीय जनता पार्टी के एक एक कामकाज- योजनाओं का गुणगान कर गए।
डॉक्टर साहब ने सामाजिक संगठन के प्रमुखों और संस्थाओं के उन प्रतिनिधियों से मिलना उचित समझा जिनकी काफी बख्त मानी जाती है, ब्राह्मण,क्षत्रिय, साहू, लगभग हर वर्ग.
खुफिया विभाग की नजर.
‘OMG NEWS’ की पड़ताल में पता चला है कि डॉक्टर रमन सिंह की सर्किट हाउस में सामाजिक संगठन के प्रमुखों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मिलने का पहले से कोई प्रोग्राम पहले से तय नही था, कि पूर्व मुख्यमंत्री यहाँ समाज वालो से मिलेंगे। बताया जा रहा है कि ये बीजेपी के भीतर संगठन की सोची समझी रणनीति थी। इधर सादे कपड़ों में खुफिया विभाग के अफसर और स्टाफ पूर्व मुख्यमंत्री की मुलाकात पर नजर बनाए हुए थे,जो सारा डाटा बना के ऊपर तक पहुंच गया होगा वही करबला स्थित भाजपा कार्यालय में आने के बावजूद भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी कमी दर्ज की गई है।
ब्राह्मण वोट पर नजर.
सूत्रों की माने तो चुनावी साल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ब्राह्मण वोट को मुख्य रूप से साधने की कोशिश की है बताया जा रहा है कि से संगठन खास कर बिलासपुर विधानसभा सीट को लेकर संगठन काफी कशमकश में है। किसे टिकट दे किसकी टिकट काटे, पर विचार चल रहा है। लेकिन अंतिम मुहर नगर के लाल के नाम लगेगी ऐसी भी चर्चा जोरो पर है। वही बीजेपी ऐसे कैंडिडेट की तलाश में है जिसका चेहरा इस बार के विधानसभा चुनाव में नया व स्वच्छ छवि का हो,इस नाते डॉक्टर साहब बिलासपुर विधानसभा के काट पर ब्राम्हण समाज पर ज्यादा जोर देकर सामाजिक संगठन के प्रमुखों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों के कान में मंत्र फूंक गए हैं।