आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बैंकिंग बिल 2024 पर बोलते हुए कहा- बैंक ईंट या सीमेंट से बनी किसी इमारत का नाम नहीं है. बैंक स्टील या एल्युमिनियम से बने एटीएम का नाम नहीं है. न ही एक काउंटर से दूसरे काउंटर पर दौड़ रहे बैंक ग्राहकों का नाम है. बैंक नाम है विश्वास का, न्याय का, अधिकार का और समानता का. पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग व्यवस्था से लोगों का विश्वास कमजोर रहो रहा है. सांसद राघव चड्ढा ने कहा- एक समस्या बैंकों के हिडेन चार्ज और फीस है. मैं चाहूंगा कि ये नाना प्रकार के चार्ज जो आज मैं सदन में लाया हूं ये माननीय वित्त मंत्री जी तक पहुंचे ताकि देश के आउन्होंने आगे कहा यदि आप बैंक स्टेटमेंट मंगवाते हैं तो बैंक स्टेटमेंट चार्ज के नाम पर आपसे 50-100 रुपए लेता है. फिर आप कहते हैं हमें एसएमएस अलर्ट के माध्यम से मेरे बैंक के खाते में क्या आ रहा है उसकी जानकारी मिले. तो एसएमएस अलर्ट चार्ज के नाम पर भी प्रति क्वार्टर बीस से पच्चीस रुपये आपसे लिया जाता है. म आदमी की जेब जो बैंकिंग सिस्टम काट रहा है उसे पता लगे. उन्होंने कहा, यदि आप न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं तो 100 रुपए से 600 रुपए प्रतिमाह बैंक आपके अकाउंट से काट लेता है. इस चार्ज को लगाने के बाद बैंकों ने वित्तीय वर्ष 20222-23 में 3500 करोड़ रुपए लोगों से वसूले हैं. चड्ढा ने कहा, आपको एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए दो से तीन मोहलत मिलती है. अगर आप चौथा या पांचवा ट्रांजेक्शन कर ले तो हर प्रति ट्रांजेक्शन पर बीस रुपए एटीएम चार्ज आपको देना पड़ता है. इसके अलावा इनएक्टिविटी फीस 100 से 200 रुपए सालाना बैंक वसूलता है. यानी कि अगर अकाउंट का बहुत ज्यादा यूज नहीं करते हैं तो बैंक इन एक्टिविटी के नाम पर भी चार्ज लगा देता है. आप सासंद ने कहा, ऑनलाइन पेमेंट करेंगे, एनईएफटी की तो ट्रांजेक्शन फीस भी ली जाती है. जबरदस्ती आपको पहले लोन बेचते हैं और फिर उसके बाद लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 1 से 3 फीसदी तक लोन अमाउंट काट लेते हैं. उन्हाने आगे कहा जब आपकी किस्मत ठीक चल रही हो और आप समय से पहले अपना लोन का भुगतान करने बैंक पहुंच जाएं तो लोन प्री क्लोजर चार्जेस अर्ली पेमेंट पेनल्टी के नाम पर भी बैंक आपसे पैसा वसूलता है.
कस्टमर्स की जेब काटी जा रही है- आप सांसद
राघव चड्ढा ने कहा साधारण सा सिग्नेचर बदलवाना हो, नॉमिनी की डिटेल्स बदलवानी हो उस चेंज पर भी 200 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन के नाम पर बैंक आपसे पैसा वसूलता है. डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर बनाने जाए तो तो 100-200 रुपए प्रति डिमांड ड्राफ्ट आपसे पैसा वसूलता ही वसूलता है. उन्होंने कहा- ‘यानी कि कस्टमर्स की जेब काटी जा रही है और कस्टमर्स को पता भी नहीं लगता कि कितना पैसा बैंक इन नाना प्रकार के चार्ज के चलते आम आदमी से वसूल रहा है.

