जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के तारागांव में मतांतरित आदिवासियों और ग्रामीणों के बीच विवाद भड़कने के बाद मतांतरितों ने दो ग्रामीणों से जमकर मारपीट की, जिसमें पंडकु कश्यप पिता रामा व पंचू कश्यप पिता गंगू का सिर फोड़ दिया है। इसके बाद से गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों गुटों के बीच पथराव भी हुआ है। ग्रामीणों ने मारपीट करने वाले मतांतरितों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया है और पुलिस को कार्रवाई के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि दो माह पहले गांव में ग्राम सभा बुलाकर निर्णय लिया गया था कि गांव के मतांतरित परिवार मूलधर्म में वापसी करेंगे। ऐसा नहीं करने की स्थिति में मतांतरितों के गांव की सीमा के अंदर शव दफनाने, परपंरागत जलस्त्रोतों के उपयोग, जमीन, जंगल के उपयोग, मतांतरितों के खेतों में अन्य धर्म के लोगों के काम करने, मतांतरितों से किसी भी तरह के संबंध रखने को प्रतिबंधित किया गया था। ग्राम सभा के निर्णय के अनुसार मतांतरितों के मूलधर्म में वापसी के लिए परिवार के लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी, ताकि शांतिपूर्ण तरीके से गांव की परपंरा व संस्कृति का संरक्षण हो सके। इसी निर्णय के अनुसार पंडकु व पंचू अपने परिवार के मतांतरित हो चुके लोगों को समझाइश दे रहे थे। इसी दौरान गांव के अन्य मतांतरित भी वहां आ गए और बात ने तूल पकड़ लिया और मारपीट की नौबत आ गई।
मतांतरितों को संरक्षण देने पुलिस पर आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि मारपीट की घटना के बाद घायल हुए ग्रामीणों की मेडिकल जांच पुलिस की ओर से नहीं की गई। अस्पताल में भी पर्ची काटे बिना ही दवा देकर पुलिस ने उन्हें गांव में छोड़ दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि मतांतरितों को संरक्षण देने के लिए पुलिस की ओर से ऐसा किया जा रहा है। अगले 48 घंटे में यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी तो गांव में बैठक बुलाकर इसमें कड़े निर्णय लिए जाएंगे।
- बस्तर में मतांतरितों ने आदिवासी ग्रामीणों का सिर फोड़ा
- ग्राम सभा में मतांतरितों के बहिष्कार का लिया निर्णय
- दो माह से गांव में तनाव की स्थिति