रायपुर. छत्तीसगढ़ में शुद्ध रक्तता का सिर्फ एक राजकीय वन भैंसा बचा है, जो बूढ़ा और अंधा है. वन विभाग दावा करता रहा है कि छत्तीसगढ़ में 8 वन भैंसे हैं. छ: उदंती सीतानदी के बाड़े में, एक उदंती सीतानदी के जंगल में स्वतंत्र विचरण कर रहा है और एक जंगल सफारी में है, परंतु डिप्टी डायरेक्टर उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के पत्र ने वन विभाग की पोल खोल दी है. दरअसल वन विभाग ने असम से लाए पांच मादा वन भैसों में से छत्तीसगढ़ के सात नर वन भैसों द्वारा प्रजनन कराने का ब्रीडिंग प्लान बनाकर सेन्ट्रल जू अथॉरिटी को भेजा है. साथ में छत्तीसगढ़ के वन भैसों के नामों की सूची भी भेजी. जू अथॉरिटी ने जवाब में कहा कि जो नाम भेजे हैं उनमे सिर्फ छोटू वन भैंसा ही शुद्ध नस्ल का है, बाकी सब हाइब्रिड है. इनसे प्रजनन नहीं कराया जा सकता. अथॉरिटी का नियम इसकी अनुमति नहीं देता.