धमतरी. जिले में 6 साल की एक मासूम से दुष्कर्म करने वाले आरोपी की गिरफ्तारी,घटना की अच्छी तरह से जांच और आरोपी को कोर्ट से सजा दिलवाने को लेकर आईजी रेंज आरिफ शेख की हिदायत के बाद आखिरकार पीड़ित परिवार को न्याय मिल ही गया और पुलिस की बेहतर विवेचना के बूते कोर्ट ने आरोपी को बीस साल की सजा और एक हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामले की मुख्य बातें.
नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी किशोर सारथी को 27 दिन में हुई 20 साल की सजा।
आईजी की हिदायत के बाद एक्टिव हुई पुलिस.
मालूम हो कि बीते दिनों आईजी रायपुर रेंज आरिफ़ शेख़ ने धमतरी जिले के दौरे में महिला और नाबालिग बच्ची संबंधी अपराधों में कोर्ट से समन्वय बना कर जल्द से जल्द चालान पेश कर पीड़िता को न्याय दिलाने जिले के एसपी और अन्य मातहतो से दो टूक कहा था।
इधर पुलिस की कारवाई.
कुरूद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 29 जुलाई को धारा 376 भादवि० एवं 06 पॉक्सो एक्ट के तहत किया गया अपराध दर्ज किया और आईजी के निर्देश को ध्यान में रख फुर्ती दिखा उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर पांच दिन में घटना के हर पहलुओं की पूरी तरह से जांच कर कोर्ट में चालान पुटअप किया।
तो वही कोर्ट ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए ट्रायल प्रारंभ कर चालान के 22 दिन के अंदर ही सुनवाई पूरी की और आरोपी को 20 साल की सजा और 1000 अर्थदंड जुर्माना किया।
एक नजर घटनाक्रम पर.
कुरूद पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थिया ने अपने पति के साथ आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी नाबालिग बच्ची के साथ आरोपी किशोर सारथी द्वारा दुस्कर्म किया,जिसकी रिपोर्ट पर आरोपी किशोर सारथी पिता रामकुमार सारथी उम्र 32 वर्ष अंगारा के विरुद्ध कुरूद पुलिस ने धारा 376 भादवि०एवं धारा 06 पाक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
बीते दिनों आईजी रायपुर रेंज आरिफ़ शेख़ जब धमतरी जिले के दौरे पर आए थे तो उन्होंने मामले की भनक लगी जिसके बाद आईजी ने कड़े शब्दों में महिला और नाबालिग बच्ची संबंधी अपराधों में कोर्ट से समन्वय बना कर जल्द से जल्द चालान पेश कर पीड़िता को न्याय दिलाने का फरमान दिया था।
इधर एसपी प्रशांत ठाकुर ने भी नाबालिग़ के मामले को गंभीरता से लिया और एएसपी श्रीमती मधुलिका सिंह के मार्गदर्शन में एवं एसडीओपी कृष्ण कुमार पटेल के नेतृत्व में त्वरित कार्यवाही करते हुए सायबर सहित तीन पुलिस की टीम को अलग-अलग जगहों ने रवाना किया था। पुलिस टीम को आरोपी को फरार होने से पहले ही पचपेड़ी नाका रायपुर में बस की तलाश करते पकड़ लिया और हिरासत में लेने के बाद उससे पूछताछ की,आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और उसे 30 जुलाई को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल दाखिल करवा दिया गया था। पुलिस ने आईजी शेख के कड़े रुख के बाद इस मामले में काफी तत्परता दिखाई और मामले की विवेचना 5 दिन में ही पूरी कर 3 अगस्त अपर सत्र न्यायाधीश एफ़टीएससी ( पॉक्सो) पंकज कुमार जैन के कोर्ट में पेश किया दिया वही शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की सजा और 1000 रुपये का अर्थदंड का जुर्माना लगाया है।
इन्होंने निभाई भूमिका.
इस पूरे मामले में आरोपी को बीस साल की सजा दिलाने तक थाना प्रभारी कुरूद निरीक्षक दीपा केवट, उनि० महेश साहु,सउनि० सुरेश नंद,संतोषी नेताम(विवेचक)प्रधान आरक्षक लोकेश नेताम, आरक्षक दीपक साहू,किशोर देशमुख, बलराम सिन्हा, सायबर सेल प्रभारी उनि० नरेश बंजारे, आरक्षक कमल जोशी, आरक्षक मनोज साहू, आरक्षक मुकेश मिश्रा ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।