400 पार’ का नारा देने के बाद आए परिणाम को लेकर भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के साथ अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी हमला झेल रही

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में ‘400 पार’ का नारा देने के बाद आए परिणाम को लेकर भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के साथ अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी हमला झेल रही है. ताजा घटनाक्रम में आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि अहंकारी हो चुकी पार्टी को भगवान राम ने 241 सीटों पर रोक दिया.

इंद्रेश कुमार को आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के बाद दूसरे नंबर का नेता माना जाता है. वे जयपुर के पास आयोजित ‘राम रथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ में बोल रहे थे. किसी व्यक्ति या पार्टी का नाम लिए बिना इंद्रेश कुमार ने कहा कि चुनाव परिणाम कुछ लोगों के रवैये को दर्शाते हैं. वे अहंकारी हो गए हैं. पार्टी ने पहले भक्ति की और फिर अहंकारी हो गई. भगवान राम ने उन्हें 241 सीटों पर रोक दिया, लेकिन उन्हें सबसे बड़ी पार्टी बना दिया. वहीं इंडिया ब्लॉक का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, “दूसरी ओर, जिन लोगों की भगवान राम में आस्था नहीं थी, उन्हें 234 पर ही रोक दिया गया.”

मोहन भागवत ने भी साधा था निशाना

इससे पहले आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि किसी भी सच्चे कारसेवक को अहंकार से रहित होना चाहिए, उसे मर्यादा का पालन करना चाहिए और नैतिकता से निर्देशित होना चाहिए. चुनावों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा: “चुनाव आम सहमति बनाने की एक प्रक्रिया है… जिस तरह से लोग एक-दूसरे को गाली देते हैं, तकनीक का दुरुपयोग करते हैं, चुनाव प्रचार के दौरान झूठ फैलाते हैं, वह सही नहीं है.”

भागवत ने मणिपुर संघर्ष पर भी टिप्पणी की, उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक विभाजन वहां बनाया गया था या भड़काया गया था और राज्य अभी भी जल रहा है और मदद के लिए रो रहा है. उन्होंने कहा, “इस पर कौन ध्यान देगा? इसे प्राथमिकता देकर इस पर विचार करना हमारा कर्तव्य है.” मणिपुर में भाजपा सत्ता में है और सरकार का नेतृत्व एन बीरेन सिंह कर रहे हैं.

मुखपत्र में छपे लेख ने छिड़ी बहस

10 जून को आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ में आरएसएस शोधकर्ता रतन शारदा द्वारा लिखे गए लेख ने पूरे देश में हलचल मचा दी, जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता यह समझने में विफल रहे कि ‘400 सीटों’ का लक्ष्य विपक्ष को चुनौती देना था. उन्होंने कहा कि लक्ष्य जमीनी स्तर पर काम करके हासिल किए जाते हैं, न कि सोशल मीडिया पर सेल्फी पोस्ट करके.

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