बिलासपुर. जल ही जीवन है,कहने को तो पृथ्वी के दो तिहाई भाग पर जल है, लेकिन पीने योग्य जल सिर्फ दो प्रतिशत ही है। इसका संरक्षण और संवर्धन हमारी जिम्मेदारी है। यदि हमने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से नहीं किया तो आने वाली पीढियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी क्योंकि मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में यदि कभी युद्ध की स्थिति बनती है तो इसकी वजह पानी ही होगा इसलिए हमें आज ही नहीं अभी से ही जल को संरक्षित करने का उपाय शुरू कर देना चाहिए। यह बातें जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने बोर उत्खनन और जल जीवन मिशन के तहत टंकी के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान कही।
पिछले दिनों जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने दो अलग कार्यक्रम में शिरकत किया। बैमा और खैरा में बोर उत्खनन के पहले भूमि पूजन आयोजन में शिरकत किया। उन्होने कहा कि बोर होने के बाद ग्रामीण जन जीवन को पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा ना केवल परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। बल्कि समय की भी बचत होगी गौरहा ने बताया कि दोनो बोर पर कुल चार लाख खर्च आएगा।
जिला पंचायत सभापति ने ग्राम पंचायत बसिया में जल जीवन मिशन के लिए टंकी निर्माण और पाइप लाइन विस्तार के भूमिपूजन कार्यक्रम में भी शिरकत किया। गौरहा ने बताया कि 90 लाख रुपए की लागत से पानी टंकी निर्माण और पाइप लाईन बिछाने का काम किया जाएगा काम पूरा होने के बाद लोगों को पानी के लिए दर दर नहीं भटकना होगा।
दोनों कार्यक्रम में शिरकत के दौरान स्थानीय लोगों ने सभापति को फूल माला से स्वागत किया। उपस्थित लोगों को अंकित गौरहा ने संबोधित भी किया। गौरहा ने बताया कि दुनिया के पृथ्वी के 72 प्रतिशत भाग पर जल है। लेकिन पीने लायक पानी केवल 2 प्रतिशत ही है। पिछले दो दशक से बुद्धिमान लोग लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि पानी का संरक्षण करें। क्योंकि आने वाले समय पर कभी युद्ध की स्थिति बनती है तो उसकी वजह पानी ही होगा। हमें आज और अभी से पानी को संरक्षित करने की जरूरत है।
अंकित ने बताया कि पानी पर सार्वभौमिक अधिकार है। हमें पानी का उपयोग करना है ना कि दुरपयोग। सरकार का भी प्रयास है कि जनता जनार्दन को साफ सुथरा पानी मिले। इसलिए हमारी जिम्मेदारी भी बनती है कि पानी का सदुपयोग करें साथ ही नुकसान को भी रोंके। जनजागरण अभियान चलाकर पानी की उपयोगिता पर प्रकाश डालें क्योंकि यदि जल है तो कल है।