बालोद। जिला शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. 11वीं के अंग्रेजी के प्रश्न पत्र से कई प्रश्न गायब मिले. 80 नंबर के प्रश्न पत्र में केवल 62 नंबर के प्रश्न थे. इस लापरवाही के सामने आने के बाद स्कूली छात्रों को व्हाट्सएप के माध्यम से नए प्रश्न भेजे गए. तो वहीं जिले के कई स्कूलों तक व्हाट्सएप के जरिए भी प्रश्न पत्र नहीं पहुंच सका. बता दें कि आज से बालोदजिले के 135 हायर सेकेंडरी स्कूल में 9वीं और 11वीं की परीक्षा की शुरुआत हुई. पहले दिन ही बड़ी लापरवाही सामने आने से बच्चों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी.
इतनी बड़ी चूक DEO को लग रही छोटी
जिले में आज भी ऐसे दर्जनों स्कूल हैं. जहां नेटवर्क की सुविधा नहीं है, जहां बच्चों को एक्स्ट्रा प्रश्न का पेज नहीं मिल पाया और कई स्कूलों के प्रिंसिपल बोर्ड परीक्षा के केंद्र अध्यक्ष बनकर गए फिर भी बच्चों को छूटे हुए अंक के प्रश्न नहीं मिल पाए. लेकिन जिले के अधिकारी को यह लापरवाही छोटी बात लगती है. क्योंकि जो प्रश्न पत्र बच्चों के लिए छप कर आए हैं वो जिला कार्यालय से आये हैं.
अब देखना होगा कि इतनी बड़ी चूक करने और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर प्रसासन का हंटर चलता है कि उनको संरक्षण देकर बचा लिया जाता है.
वहीं इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी मुकुल केपी साव ने बताया कि मुझे पेपर शुरू होने के बाद कुछ समय बाद ही जानकारी मिल गई थी. मैं उस टाइम टी एल की बैठक में था. जैसे ही मुझे जानकारी मिली छुटे हुए प्रश्नों को व्हाट्सएप के माध्यम से प्रिंसिपलों के ग्रुप में भेज कर प्रिंट आउट करा कर बच्चों को एक्स्ट्रा आधा घंटा दिया गया. स्थानीय स्तर का पेपर था, बच्चों का कोई अहित नहीं होगा. कल शाला समिति की बैठक है जो भी निर्णय लेना होगा या बच्चों को बोनस अंक देना होगा देंगे.