पूर्व विधायक शैलेश पांडेय का बड़ा बयान,कहा अब बिलासपुर बना बिलखतापुर.

मासूम बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर कांग्रेस नेता पांडेय कसा तंज.

• महंगाई से सरकार मार रही है और नशे से गुंडे और अपराधी,मासूम जनता कहाँ जाए.

• सत्ता के नेता चुनाव में बब्बर शेर बने हुए थे,वास्तविकता में लोमड़ी से भी गए गुजरे निकले.

• शहर में बेटियाँ सुरक्षित नहीं,सरकंडा के विवेकानंद रेसीडेंसी की सामूहिक दुष्कर्म की घटना.

• क़ानून व्यवस्था झूल रही है,शहर में अपराध और दुर्घटना से बढ़ रहे है मौत के आँकड़े.

बिलासपुर. पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने कहा है कि जबसे बीजेपी की सरकार प्रदेश में आयी है तबसे बिलासपुर में मौत के आँकड़े बढ़ते जा रहे है और जो हमारा बिलासपुर शहर है वो अब बिलखतापुर बनता जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स को आधार बना उन्होंने कहा कि शहर में रास्ते चलते अपराध हो रहे है नागरिक गण इस आये दिन के बढ़ते अपराध से अत्यंत डरे हुए है। हाल ही में कई अपराध निर्दोष लोगो पर सड़क चलते चाकू अड़ाकर किए गए है और ये पहली बार नहीं हुआ है कि सरकंडा की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है,ऐसा कई मासूम बच्चियों के साथ बिलासपुर में हो चुका है।शहर में चाकू बाज़ी और तलवार बाज़ी इस कदर बढ़ गई है कि हर रोज़ कोई न कोई घटना शहर में मारपीट और गुंडागर्दी की होती है।

सरकार के 180 दिन का आकंड़ा गिनाया.

श्री पाण्डेय ने कहा कि सरकार के 180 दिनों में अपराध का आँकड़ा इस कदर बढ़ गया है कि आम आदमी अपने को अब सुरक्षित नहीं मानता है। सिर्फ़ छह महीने में 190 से ऊपर लूटमारी और 120 से ऊपर चाकूबाज़ी की घटनाएँ हो चुकी है और अपराधी क़ानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ा रहे है और बेख़ौफ़ बिलासपुर को बिलखतापुर बनाने में लगे हुए है।पुलिस और प्रशासन के प्रयास से नहीं रुक रहा है अपराध।

दुर्घटनाएँ भी बिलासपुर में इस कदर बढ़ गई है क्योंकि कोई ध्यान नहीं दे रहा है हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिलासपुर में छह माह में 180 मौतें हो चुकी है और लगभग 650 दुर्घटनाएँ हुई है इससे साफ़ पता चलता है कि शहर में क़ानून व्यवस्था का क्या हाल है। सड़कों के लिए पर्याप्त फण्ड भी नहीं दे पा रही है सरकार,जिसके चलते दुर्घटनाएँ हो रही है। अधिकारी बिना राजनीतिक इक्षा शक्ति के कुछ नही कर सकते है। सत्ता के शहर के नेता केवल चुनाव तक बब्बर शेर बन रहे थे वास्तविकता में तो लोमड़ी से भी गए गुजरे है जो चुनाव होते ही जनता को भूल गए।

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