नगर निगम में भाजपा की वापसी, पूजा विधानी ने प्रमोद नायक को 66 हजार से अधिक वोटों से दी मात

बिलासपुर नगर निगम (Bilaspur Municipal Corporation) में पांच साल बाद भाजपा की वापसी हो गई है. विपरित परिस्थितियों के बावजूद यहां पर भाजपा प्रत्याशी पूजा विधानी ने जीत दर्ज कर ली है. उन्होंने कांग्रेस के प्रमोद नायक को 66 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी है. MA पास पूजा विधानी नगर निगम नेता प्रतिपक्ष अशोक विधानी की पत्नी हैं. वे 1996 से भाजपा की सक्रिय सदस्य हैं. 1998 में पहली बार पार्षद बनीं थी. महिला मोर्चा में 2 बार प्रदेश महामंत्री रही हैं.

बता दें कि बिलासपुर नगर निगम में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला मतदान से पूर्व तक बराबरी का था, लेकिन मतदान के बाद का रुझान भाजपा के पक्ष में आया गया. बिलासपुर में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भाजपा प्रत्याशी पूजा विधानी ने जीत दर्ज की. इसके पीछे अमर अग्रवाल की कारगर रणनीति अहम वजह है. वहीं कांग्रेस को भीतरघात ने कहीं ना कहीं नुकसान पहुंचाया है. शहर के 70 वार्डों में भाजपा को 45 और कांग्रेस को 22 सीटें मिलने का अनुमान था. 

जाति मामले ने पकड़ा था तूल

बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान पूजा विधानी की जाति का मामला भी उछला था. उनके जाति प्रमाण पत्र पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई थी. निर्वाचन आयोग ने आपत्ति को स्वीकार करते हुए पूजा विधानी को शाम पांच बजे तक संबंधित दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था. भाजपा प्रत्याशी पूजा विधानी के नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर पूजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर सवाल उठाए थे. वहीं प्रशासन पर बीजेपी प्रत्याशी का प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए इस पर आगे की कार्रवाई करने की बात कही थी.

वहीं पूजा विधानी ने जाति पर उठाई गई आपत्ति को निराधार बताते हुए कहा था कि मैं उड़िया-तेलगु हूं. मेरा बिलासपुर में जन्म हुआ है, मेरी शिक्षा यहीं की है. मेरा जाति प्रमाण पत्र 1995 का बना हुआ है, उसमें एसडीएम का अनुमोदन भी है. पूजा विधानी ने इसके साथ कहा था कि कांग्रेस डरी हुई है, जिसकी वजह से इस तरह के हथकंडे अपना रही है. चुनाव समर में उतरे हैं तो मेहनत के साथ, जनता के मुद्दों के साथ मुकाबला करना चाहिए. कांग्रेस ने मुझे और अशोक विधानी को हीरो-हीरोइन बना दिया है. 

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