‘मुंहफट’

‘रवि शुक्ला’

दूध का जला छाछ भी फूक- फूक के पीता है..

आज के राजनैतिक परिवेश में विपक्षी दल को निपटाने ईडी, आईटी ,सीबीआई और न जाने तरह तरह की जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सेंट्रल हो या स्टेट जहा जिसकी दखल वहां जांच एजेंसी की बख्त। ऐसा ही कुछ इन सुनने को मिल रहा है। पड़ोसी राज्य एमपी में एक कांग्रेस विधायक के ठिकानों पर सेंट्रल की एक विंग ने रेड क्या किया इधर प्रदेश सरकार के कान खड़े हो गए। राज्य के मुखिया की विशेष सचिव के बंगले पर पिछली बार हुई छानबीन से सबब लेकर सरकार ने इस बार पहले ही हवा का रुख भाप लिया और माना विमानतल पर पुलिस अफसरों की सादी वर्दी में ड्यूटी लगा दी। राजधानी के एक स्पेशल विंग में बैठे पुलिस अफसर के इशारे पर प्रदेश के कुछ जिले से उनके खास इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को सुबह से लेकर रात तक एयरपोर्ट पर तैनात कर दिया गया है ताकि सेंट्रल से आए किसी भी जांच टीम के अधिकारियों को हवा से उतरते ही एयरपोर्ट के बाहर उनकी नाकेबंदी की जा सके। गनीमत तो ये है कि अब तक सेंट्रल की कोई विंग के अफसर राज्य में हवाई यात्रा कर नही आए है वही राजधानी के अलावा आसपास के जिलों में भी पुलिस वाले नजरे लगाए हुए हैं।

जिले का काबिल सिपाही..

इन दिनों न्यायधानी में एक काबिल सिपाही के अफसर नामे की चर्चा काफी जोरो पर है। आलम तो ये है कि जिले के मुखिया को अपनी काबिलियत के दम पर वो जो आईना दिखाता है, वही हो रहा है। क्या एडिशनल एसपी और क्या सीएसपी,थानेदार तो दूर की बात है। इस काबिल सिपाही को वर्दी पहनने से दूर रखा गया है वीआईपी क्षेत्र के थाने में पदस्थ रहकर अपनी काबिलियत से पूरे जिले का दारोमदार उसके ऊपर है। विभाग में भी काबिल सिपाही के काम की खासी तारीफ भी चल रही है। सादी वर्दी में थाने के अलावा साइबर सेल व अन्य सूचना तंत्र को इकट्ठा करना इनकी पहचान बन चुकी है।चोरी,डकैती,लूट या जिले के किसी भी गंभीर अपराध में इनकी काबिल अफसरशाही शामिल रहती है। अपने से ऊपर रैंक का पुलिस अधिकारी हो या समकक्ष पुलिस कर्मी सभी के ट्रांसफर-पोस्टिंग इनके इशारे के बिना संभव नही है जिसका पूरा श्रेय विभाग के लोग उसकी काबिलियत को दे रहे हैं।

👆 (बिना टिप्पणी)

जुआ -सट्टा पर जोर..

जो पुलिस को खिलाएगा वही जुआ और सट्टा का कारोबार करेगा। ये हम नही जिले में ये चर्चा आम और खास हो गई है। शहर का ऐसा कोई थाना क्षेत्र नही है जहा जुआ और सट्टे का कारोबार फल फूल न रहा हो। फिर हाइवे पर स्थित कोल डिपो का गढ़ माने जाने वाले एक थाना क्षेत्र में तो जमकर जुआ चला। जिसकी भनक महकमें के हर अधिकारी और कर्मचारियों को है मगर टाइम से हिस्सा पहुचने की वजह से जुए के फड़ में कोई रेड नही हुई। जिसकी एक वजह नालदार का प्रदेश के एक वरिष्ट मंत्री का करीबी होना। मगर जैसे ही जिले में एक बड़े पुलिस अफसर के बदली हुई फड़ बंद हो गया। क्योंकि उक्त नालदार की रपट मुखिया के हाउस तक पहुच गई थी। फिर क्या बिना कार्रवाई का एक्शन हुआ और उसका सारा कारोबार बंद करा दिया गया। लेकिन उसकी जगह सीपत क्षेत्र के एक नालदार ने संभाल ली और फिर से जुआरियों की महफिल सजने लगी है। तो वही इंड्रस्टीलय एरिया थाना क्षेत्र के एक महफूज इलाके में कोतवाली थाना क्षेत्र का एक नामी जुआरी बावन परियों से जुआरियों का इश्क लड़वा रहा है कहा जाता है यहां हर रोज पत्तों के इतने शौकीन आते है इतना तो प्रदेश के किसी कोने में ढूढने से नही मिलेंगे तो वही सट्टा और जुआ पूरे जिले हर थाना क्षेत्र में बदस्तूर जारी है..सब सेटिंग का खेल है।

भईया मोला ऑफिस खुलवा दे..

शहर के कुछ कोनो में बीजेपी के कार्यकर्ताओ का ऑफिस खुलना पिछले कुछ दिनों से शुरू हो गया है। 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सत्ता पाने की लालसा कार्यकर्ताओ को रिचार्ज कर रही है। बीजेपी सरकार में प्रदेश के कद्दावर पूर्व मंत्री के बंगले से ऑफिस के लिए फर्नीचर और अन्य संसाधनों के लिए फाइनेंस हो रहा है। जिसका सारा जिम्मा एक पूर्व एल्डरमैन और उसके पिछलग्गू सोशल मीडिया से जुड़े नेता ने लिया है। मतदाताओं को जोड़ने ऑफिस के माध्यम से बीजेपी अगले विधानसभा चुनाव के जोड़ में भीड़ गई है तो वही पूर्व मंत्री ने भी तैयारी करने का इशारा कर कार्यकर्ताओ को खुश करने मन और धन से जो भी लगें सब कुछ पूरा करने में जुट गए है।

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