‘मुंहफट’

‘रवि शुक्ला’

चांदी की गुलाटी..

नेताओ और तोड़ी वालो के लिए खुशखबरी है। अभी सब से ज्यादा माल खनिज विभाग सोट रहा है। यहां के अफसर गुलाटी मार -मार के तोड़ी कर रहे हैं। पुलिस विभाग की ओर से पकड़ी गई गाड़िया ओने पौने में छोड़ दी जा रही है। शहर के रेत घाट लगभग रॉयल्टी फ्री है। खनिज विभाग के इंस्पेक्टर की गुलाटी ऐसी है कि जिन भी गाड़ियो का केस उनके पास आता वह बड़ी रकम की डिमांड करते है मामला सेट नही होने पर बड़े फाइन का डर दिखाया जाता है।

फिर चाहे कोई भी आ जाए न फोन चलता न शिफारिश, बस उनका काम तो तोड़ी करना है। पकड़ी गई गाड़ियों के मालिकों को इतनी बार खनिज विभाग के दरबार बुलाया जाता है की थक हार कर मामले जैसे तैसे निपटाने में लग जाता है। भई जाहिर सी बात है खनिज विभाग में अफसरी करना है तो तोड़ी से गंठबंधन तो बनता ही है लगता है अभी इस बात की जानकारी नेताओं को नही लगी है वरना यहां से चंदे का धंधा और कही से अच्छा नही हो सकता।

पुलिस में “कलम”..

पुलिस विभाग में कमाई धमाई की फसल के लिए लगभग तीन साल पहले एक कलम लगाई गई थी (कलीम नही), वो कलम आजकल हर थाने यहां तक कि साइबर में भी फल फूल गई है। अब तो अमर बेल की तरह पूरे जिले में लहलहा रही है।

बेचारा तारबहार के पूर्व टीआई भी इस बेल की जद में आ गए है। उनके दिन बादल वैसे भी ठीक नही चल रहे थे, जॉइनिंग के बाद अमर बेल की जड़ो के आगे व्यवस्था बनती न देख दो हफ्ते से ज्यादा की छुट्टी फिर राजधानी में क्रिकेट ड्यूटी मामला समझने का समय ही नही मिल रहा सोचा था कि बैचमेट से उम्मीद थी कि साथ देगा। लेकिन वो खुद हावी हो गया। इस बीच कोरोना ने पेर दिया अब उसे भी समझ नही आ रहा कि इस अमर बेल का क्या करें।

लो बढ़ गई महंगाई..

जिले लॉक डाउन लगने से पहले ही आमजन महंगाई की मार झेलने को मजबूर हो गए हैं। कई दिनों के इंतजार के बाद कलेक्टर ने रविवार को 8 दिन का जिले में लॉक डाउन लगा दिया। इधर आपदा को अवसर बनाने वाले को फिर से मौका मिल गया खास कर थोक पान मसाला व्यापारियो को,लॉक डाउन से पहले ही गुटखा चबाने वालो के बेवजह बढ़े गुटखे के दाम से दांत किन किनाने लगे है।

चिल्हर व्यापारी भी बड़ी अकड़ से ज्यादा माल लेकर कम गुटखा दे रहे हैं। अब नजरें लगी है कि आखिर ये बात जिला और पुलिस प्रशासन तक कौन पहुचाए या पहले की तरह इस बार भी कालाबाजारी की भनक प्रशासन के कानों तक पहुंच गई है अब सवाल ये है कि कार्रवाई करेगा कौन, बाजार गर्म है लेकिन चाह की राह के आगे कोई क्या कर सकता है।

सट्टे की सेटिंग..

लो बताओ भला सट्टे के कारोबार में भी टेकओवर का दौर आ गया है। कभी शहर के बीच रहकर सट्टा खिलाने वाले एक नामी सटोरियों ने किशन कन्हैया की तरह न जाने ऐसी क्या मुरली बजाई की पुलिस को भी उसका संगीत बेहद पसंद आया, नतीजा पुराने सटोरियों का विकेट गिरा कर मुरली वाले सटोरिया को आदर्श थाना इलाके का काम दे दिया गया है। वही रेल्वे का इलाका भी इसने टेकओवर कर लिया है। अलग अलग थानों की कमान उसके दोनों सटोरिया पुत्र संभाल रहे है इधर पुराने सटोरियों की नजर अब आईपीएल पर लग गई है।

बड़े दिनों बाद दोनों थानों को टेकओवर करने वाले सटोरिया के मैदान में आने से उसके चेले चमचे भी खुश हो गए है। जुए के फड़ के बाद अब जिले में सट्टे की सेटिंग जोर पकड़ रही है।

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