What is Buchi Babu Trophy: बुची बाबू ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट का सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है. यह रणजी ट्रॉफी से भी पहले शुरू हुआ था. इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया के कई दिग्गजों ने जलवा बिखेरा है.
What is buchi babu Trophy: 15 अगस्त से बुची बाबू टूर्नामेंट का आगाज होने जा रहा है. इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम के स्टार सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, ईशान किशन जैसे स्टार खेलते दिखेंगे. 12 टीमों के बीच होने वाले इस टूर्नामेंट के बारे में बहुत से क्रिकेट प्रशंसक इस टूर्नामेंट के बारे में पहली बार सुन रहे होंगे. ऐसे में सवाल है कि इस टूर्नामेंट का नाम बुची बाबू क्यों है. इसके पीछे की कहानी क्या है और आखिर इसके आगाज कैसे हुआ? चलिए विस्तार से जानते हैं.
कैसे पड़ा बुची बाबू टूर्नामेंट नाम?
मोथावरपु वेंकट महिपति नायडू ऐसे शख्स थे, जिन्होंने मद्रास में क्रिकेट को फेमस किया. उन्हें ‘फादर ऑफ मद्रास क्रिकेट’ भी कहा जाता है. उन्होंने मद्रास प्रेसीडेंसी से सबसे अच्छे खिलाड़ियों को अंग्रेजो के खिलाफ खेलने के लिए इस टूर्नामेंट की शुरुआत की थी. नायडू को ही बुची बाबू नायडू के नाम से जाना जाता था. बुची बाबू ने पहला संस्करण आयोजित किया. फिर उनकी असमय मौत हो गई, जिसके बाद इस टूर्नामेंट का बुची बाबू टूर्नामेंट नाम रख दिया गया.
1909 में पहली बार हुआ था आयोजन
पहली बार इसका आयोजन 1909 में हुआ. आपको जानकर यकीन नहीं होगा कि 1934 में रणजी ट्राफी शुरू होने से पहले बुची बाबू टूर्नामेंट ही भारत का सबसे बड़ा प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट था. पहले इसमें लोकल क्लब ही शामिल होते थे. यह सिलसिला लगभग 50 साल तक चला, फिर 1960 के दशक में ये ऑल इंडिया इन्विटेशन टूर्नामेंट में बदल गया. वहां से टूर्नामेंट का प्रोफ़ाइल बढ़ता ही गया. हालांकि, अब रणजी ट्रॉफी इस टूर्नामेंट से ऊपर उठ चुकी है. वो ही भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है.
बुची बाबू टूर्नामेंट में कई दिग्गज दिखा चुके जलवा
बुची बाबू टूर्नामेंट में दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली, मोहम्मद अजहरुद्दीन, और श्रीकांत जैसे धुरंधर खेल चुके हैं.
बुची बाबू टूर्नामेंट से जुड़ी जरूरी डिटेल
- बुची बाबू टूर्नामेंट रेड बॉल से होता है.
- इस टूर्नामेंट के मैच 4 दिन चलते हैं.
- इसमें 12 टीमें हिस्सा लेती हैं.
- सभी टीमों को 4 ग्रुप में बांटा जाता है.
- 10 टीमें राज्य की टीमें होती है.
- 2 टीम तमिलनाडु से होती है.