कवर्धा. छत्तीसगढ़ भाजपा के महामंत्री विजय शर्मा और कबीरधाम जिला भाजपा उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी के खिलाफ जिला खाद्य अधिकारी, कबीरधाम को जाति सूचक गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी देकर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मुकदमा न्यायालय में चलता रहेगा. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति-जनजाति न्यायालय कवर्धा में तय आरोप को गलत बताते हुए चुनौती दी थी.
भाजपा नेता विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी के खिलाफ अनुसूचित जाति वर्ग के जिला खाद्य अधिकारी कबीरधाम अरुण कुमार मेश्राम के कवर्धा कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में घुसकर जाति सूचक गंदी गालियां देने, जान से मारने की धमकी देकर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था. जिस पर विशेष न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 01.02.2023 के माध्यम से इस मामले में आई.पी.सी. की धारा 294, 506 (बी), 186 और अनुसूचित जाति, जनजातिक अत्याचार अधिनियम (संशोधित अधिनियम) 2015 की धारा 3(1) (एस) के तहत आरोप तय किये गए थे. विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी ने इसके खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, बिलासपुर में अपील की थी. मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट रमेश कुमार सिन्हा ने 14.09.2023 को अपील को खारिज करते हुए कहा है कि विशेष न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश दिनांक 01.02.2023 द्वारा आरोप के निर्धारण में कोई अनियमितता या कमी या क्षेत्राधिकार संबंधी त्रुटि प्रतीत नहीं होती है. इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति-जनजाति न्यायालय को निर्देश दिया है कि मुकदमे में तेजी लाकर मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए. जाति सूचक गंदी भाषा में गाली गलौच गलौच करने के मामले में पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. इसे देखते हुए विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी की मुश्किलें बढ़ सकती है.