मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना से संवर रहा नक्सली हिंसा से पीड़ित विद्यार्थियों का जीवन

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य, जो अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है, लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की चुनौतियों का सामना कर रहा है. नक्सली हिंसा ने राज्य के कई हिस्सों में सामाजिक और आर्थिक विकास को बाधित किया है, विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में. इन क्षेत्रों में शिक्षा की कमी और हिंसा के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा था. इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना” की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य नक्सल प्रभावित और हिंसा पीड़ित बच्चों को सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करना है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने “मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना” की शुरुआत की है. यह योजना न केवल शिक्षा प्रदान करने का माध्यम है, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयास से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों और नक्सल हिंसा में पीड़ित विद्यार्थियों का जीवन संवर रहा है.मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार आस्था और प्रयास आवासीय विद्यालय के माध्यम से प्रदेश के संपूर्ण अनुसूचित क्षेत्र सहित गैर अनुसूचित क्षेत्र में नक्सल प्रभावित जिले के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों के जीवन में स्थिरता प्रदान करने में सफलता पाई है.

मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना की पृष्ठभूमि

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा का अभाव और बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण की अनुपस्थिति ने छतीसगढ़ की साय सरकार को विशेष कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आवास, भोजन, खेल और मनोरंजन जैसी सुविधाएं प्रदान करने के लिए “मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना” को लागू किया गया.. इस योजना में “प्रयास आवासीय विद्यालय” और “आस्था गुरुकुल” जैसे संस्थानों की स्थापना की गई, जहां बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं” प्रयास आवासीय विद्यालय” नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समर्पित है.फ़िलहाल राज्य के रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, कांकेर, कोरबा तथा जशपुर सहित 12 जिलों में 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 5,254 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें 2,891 बालक और 2,367 बालिकाएं शामिल हैं. इन विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को शालेय शिक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE), चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA), कंपनी सेक्रेटरी (CS), कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग भी प्रदान की जा रही है. इससे विद्यार्थियों को प्रारंभ से ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा रहा है, जिससे वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें.दंतेवाड़ा जिले में स्थित “आस्था गुरुकुल” एक आवासीय विद्यालय है, जो नक्सल हिंसा से प्रभावित और अनाथ बच्चों के लिए स्थापित किया गया है.वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना संचालित है. यहां कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन, खेल और मनोरंजन की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.. इस संस्थान का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और पोषक वातावरण में शिक्षा देना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपने जीवन में स्थायित्व ला सकें.राज्य सरकार छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्र सहित गैर अनुसूचित क्षेत्र के नक्सल प्रभावित जिले के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विद्यार्थियों सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, आवास, भोजन, खेल एवं मनोरंजन आदि की सुविधाएं प्रदान कर रही हैं. कक्षा 9वीं से 12वीं तक विद्यार्थियों को शालेय शिक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग मेडिकल, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज, एनटीएसई, सीए, सीएस, सीएमए, क्लैट इत्यादि प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान कर इन विद्यार्थियों के स्वयं के प्रतिभा के बल पर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हेतु योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल के दौरान सर्वप्रथम वर्ष 2010 में राजधानी रायपुर में 200 सीटर प्रयास आवासीय विद्यालय स्थापित किया गया था. इन विद्यालयों में निजी कोचिंग संस्थानों को ‘‘रूचि की अभिव्यक्ति‘‘ के माध्यम से चयन कर अध्यापन एवं कोचिंग का कार्य कराया जाता है, जिससे विद्यार्थी प्रारंभ से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जागरूक होकर अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें. वर्तमान में राज्य में 15 आवासीय विद्यालय संचालित है. इन विद्यालयों में 5254 विद्यार्थी अध्ययनरत है, इनमें 2891 बालक और 2367 बालिकाएं शामिल है. राजधानी रायपुर स्थित प्रयास विद्यालयों में ही 884 विद्यार्थी अध्ययनरत है.आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तथा कमजोर वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियों को उच्च श्रेणी के शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश करा कर उनके जीवन में स्थायित्व प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है. नेताम ने हाल ही में राजधानी रायपुर स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय में नवादिम नाम से कम्प्युटर लैब का उद्घाटन किया.उन्होंने कहा कि सभी के साथ अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के निर्माण का सपना जुड़ा होता है. विद्यार्थियों को भी अपने माता-पिता और रिश्ते-नातेदारों के सपने को साकार करने के लिए शांत मन से अर्जुन की भांति केवल चिड़िया के नेत्र को केन्द्र में रखकर लक्ष्य को भेदने का प्रयास करना चाहिए. इस प्रयास में राज्य सरकार भी हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है.

मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना की सफलता

मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना” ने अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. इन विद्यालयों से अब तक 122 विद्यार्थी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), 356 विद्यार्थी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) और 70 विद्यार्थी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त कर चुके हैं. प्रयास विद्यालय का 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम लगभग शत-प्रतिशत रहा है. वर्ष 2024 में 10वीं में 174 विद्यार्थी में से 123 विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे. इनमें 74 विद्यार्थी 90 प्रतिशत से भी अधिक अंक अर्जित किए.वहीं कक्षा 12वीं में 95 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए तथा जेईई मेंस में 62 विद्यार्थी क्वालीफाई हुए तथा इन 62 विद्यार्थियों में 33 विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस क्वालीफाई किया.. इसी तरह यहां के विद्यार्थियों ने आईआईटी में 05, एनआईटी में 04 तथा ट्रिपल आईटी में 09 विद्यार्थी ने प्रवेश प्राप्त करने में सफलता पाई है.इस वर्ष आयोजित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 06 अभ्यर्थियों ने सफलता पाई है, जो पहले प्रयास विद्यालय में रह कर पढ़ाई कर चुके हैं. इसी प्रकार यहां 9वीं, 10वीं के शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को एनटीएसई, ओलंपियाड, गणित एवं विज्ञान पहेली की तैयारी कराई जा रही है, ताकि इससे इंजीनियरिंग और मेडिकल (नीट) की बेसिक तैयारी कराई जा सके. इसी तरह 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को जेईई (मेंस/एडवांस) की तैयारी कराई जा सके. वर्तमान में 173 विद्यार्थियों को जेईई मेंस और 61 विद्यार्थियों को एनडीए प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है. यह आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के लिए एक नई राह प्रदान कर रही है.

“मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना” छत्तीसगढ़ राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें सुरक्षित वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र विकास के अवसर प्रदान करती है. इस योजना ने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर दिया है. भविष्य में इस योजना का विस्तार और सुदृढ़ीकरण राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह योजना न केवल बच्चों के भविष्य को संवार रही है, बल्कि राज्य के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है. इस योजना की सफलता राज्य सरकार की दृढ़ संकल्पना और बच्चों की मेहनत का प्रमाण है, जो एक उज्ज्वल और समृद्ध छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में अग्रसर है.

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