बिलासपुर. शासन को सीआईडी के एडीजी पवन देव पर कार्रवाई कर जवाब देने के लिए
हाईकोर्ट की डबल बैंच ने दो हफ्ते की और मोहलत दी है.हाईकोर्ट ने रेणु पिल्ले की अध्यक्षता मे गठित विशाखा कमेटी की रिपोर्ट पर कारवाई नही होने पर नाराजगी भी जताई है..
हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईपीएस पवन देव पर लगे लैंगिग उत्पीड़न के आरोप की मंगलवार को सुनवाई करते हुए मुख्यन्यायधीश टी बी राधाकृष्णन और जज शरद कुमार गुप्ता की डबल बैच ने महाधिवक्ता जे के गिल्डा से पूछा की राज्य सरकार द्वारा गठित रेणु पिल्ले की अध्यक्षता वाली विशाखा कमेटी की रिपोर्ट में एडीजी देव पर आरोप सिद्ध होने के बावजूद डीजीपी ने करवाई क्यों नही की साथ ही केंद्र सरकार द्वारा कारवाई के संबंध मे मांगी गई रिपोर्ट का जवाब किन कारणोंलसे प्रस्तुत नहीं किया गया. इधर एडीजी के वकील सुनील ओटवानी ने अपना भी पक्ष रखा. वहीं पीड़िता के वकील की ओर से दिए गये तर्क के बाद हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से इस मामले को जनहित याचिका या क्रिमिनल केस को किस रूप मे लेना है यह पूछते हुए जवाब पुनः दो हफ्ते मे देने का आदेश किया है. मालूम हो की प्रदेश सरकार के एडीजी और तत्कालीन बिलासपुर आईजी पवन देव पर मुंगेली की एक महिला आरक्षक से फोन पर अश्लील बातें कर देर रात अपने बंगले बुलाने का आरोप सुर्खियों में आया था.इसके बाद आईएएस रेणु पिल्ले की अध्यक्षता में बनी आंतरिक जांच कमेटी का गठन कर मामले की जांच कराई गई. इलमें पवन देव पर लगे सभी आरोपों को सही पाया गया.