बिलासपुर में परिसीमन नियम विरुद्ध, बीजेपी की तानाशाही और मनमानी का परिणाम नया परिसीमन,शैलेश पांडेय.

•जनता के लिए हितकारी नहीं है नया परिसीमन और विकास में बाधक बनेगा- कांग्रेस.

•कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन दिया और रोक लगाने की माँग.

बिलासपुर. सोमवार को कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन दिया और माँग कि नए परिसीमन नियम विरुद्ध किया गया है और इससे शहर के विकास में बाधा आएगी और जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। काग्रेसियो ने आरोप लगाया कि बीजेपी को लाभ पहुँचाने के लिए नये परिसीमन को अंजाम दिया जा रहा है। कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल की मांग है कि परिसीमन की ज़रूरत नहीं है और इसको रोकना चाहिए।

शासन ने नया परिसीमन 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया है और नये परिसीमन को लेकर 1994 वार्ड गठन नियम में साफ़ साफ़ लिखा है कि संतुलित जनसंख्या के आधार पर नया परिसीमन होना चाहिए जिससे वार्डों का विकास सही तरीक़े से किया जा सके लेकिन अभी के परिसीमन में ऐसी विसंगतियाँ है जिसमे वार्ड को जनसंख्या में बहुत बड़ा बड़ा अंतर है,जो कि ग़लत है और शासन के निर्देशों का पालन भी नहीं किया गया है।

2019 के समय नगर निगम सीमा का विस्तारीकरण किया गया था और नये 18 निकायों को बिलासपुर को B ग्रेड सिटी बनाने के लिए जोड़ा गया था। इसलिए परिसीमन करवाया गया था। लेकिन अभी नगर निगम की सीमा न बढ़ाई जा रही है और न घटाई जा रही है तो बिना ज़रूरत के वार्डों का परिसीमन कराने की क्या ज़रूरत है।

कोई वार्ड बहुत छोटा कर दिया और कोई वार्ड बड़ा कर दिया,किसी वार्ड को कहीं से भी काट दिया और कहीं भी जोड़ दिया,ये सब राजनीतिक दबाव में आकर किया जा रहा है। जिसका नुक़सान जनता को होगा। नागरिकों के बहुत से कार्य जिसके लिये आईडी की ज़रूरत पड़ती है और नये परिसीमन में पता बदलने से भी बहुत दिक़्क़त आएगी और जनता को भटकना पड़ेगा।

प्रतिनिधि मंडल ने पिछले कुछ दिनों में शहर के जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से बात किया और उनकी परेशानी को समझा और उनकी आपत्तियों का मोटा दस्तावेज आज कलेक्टर को सौंपा और माँग किया कि इस परिसीमन से शहर के विकास और शहर के लोगों की परेशानियों बढ़ेंगी इसलिए इसको रद्द किया जाना चाहिए।

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