नई दिल्ली. ग्रेटर कैलाश में एक कारोबारी ने अपने चालक को नौकरी से क्या निकाला उसने मालिक को सबक सिखाने की ठान ली. मालिक की बेटी की शादी थी, लिहाजा आरोपी ने चिट्ठी लिखकर उससे 10 लाख की मांग कर डाली.
रुपये न देने पर घर में खुशियों की जगह मातम फैलाने की धमकी दी. कारोबारी बुरी तरह डर गए. सूचना पुलिस को दे दी गई. किसी तरह उन्होंने बेटी की शादी तो कर ली, लेकिन डर बना रहा. बाद आखिर पुलिस ने गुत्थी से पर्दा उठाकर पूर्व चालक व उसके रिश्तेदार को दबोच लिया. आरोपियों की पहचान पुष्पेंद्र और दीपक के रूप में हुई है.पीड़ित कारोबारी रविंद्र सिंह पुनिहारी परिवार के साथ एम-ब्लॉक, पार्ट-2, जीके में रहते हैं. नोएडा में इनका पैकेजिंग का कारोबार है. 29 अक्तूबर को इनकी बेटी की शादी थी. 26 अक्तूबर को इनके गेट पर गार्ड को अनजान व्यक्ति चिट्ठी मालिक के नाम दे गया. रविंद्र ने चिट्ठी को खोला तो उसमें 10 लाख की डिमांड की गई थी. रुपये न देने पर घर में मातम फैलाने की धमकी दी गई थी. घटना के बाद पीड़ित डर गए. सूचना पुलिस को दी गई. सीआर पार्क थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रितेश कुमार, एसआई जयकिशन व अन्यों की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की. सीसीटीवी कैमरे और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पड़ताल करने पर पता चला कि वारदात में रविंद्र सिंह के पूर्व चालक पुष्पेंद्र का हाथ है.