बेटियों को आत्मरक्षा का गुर सिखाने समग्र शिक्षा से 85.65 लाख रुपये मिलने के बाद भी छात्राएं नहीं सीख पाई आत्मरक्षा का गुर, अब प्रशिक्षण अवधी की राशि लेप्स होने के कगार पर

गरियाबंद। जिले के 571 स्कूलों में बेटियों को आत्मरक्षा का गुर सिखाने समग्र शिक्षा से 85.65 लाख रुपये मिलने के बाद भी जिला स्तर में समन्वय के अभाव में प्रशिक्षण ज्यादातर जगह पर अधर में लटका है और अब लेप्स होने के कगार पर है.दरअसल, केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा के तहत अक्टूबर माह में जिले के 574 स्कूलों में बेटियों को आत्मरक्षा का गुर सिखाने 85.65 लाख रुपये मिले थे. राज्य कार्यलय से अक्टूबर माह में 15,000 प्रति स्कूल के मान से चिन्हांकित सभी स्कूलों में यह पैसे डाल भी दिए गए, लेकिन आत्मरक्षा कैसे और किससे दिए जाने हैं, इसके लिए जिला स्रोत समन्वयक से कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया. यह बताया गया था कि तीन माह बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाना है. प्रशिक्षक को संबंधित स्कूलों से प्रति माह 5 हजार के दर पर भुगतान किया जाना है, लेकिन समन्वय के अभाव में अब तक 100 स्कूलों में भी यह प्रशिक्षण पूर्ण नहीं किया जा सका. भुगतान भी एक तिहाई से कम हुआ है. मार्च में परीक्षा आयोजन होना है, इसलिए कोर्स पूर्ण कराने पढ़ाई फरवरी माह से जोर पकड़ लेगा. ऐसे में अब इस योजना के लिए आए रकम का उपयोग कर पाना संभव नहीं है.

जिला स्रोत समन्वय खेलसिंह नायक 90 प्रतिशत स्कूलों में प्रशिक्षण पूर्ण होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन यह भी मान रहे हैं कि कई जगह व्यवहारिक दिक्कतों के कारण विलंब हुआ है. नायक ने कहा कि 31 मार्च तक इस योजना के कार्य को पूर्ण कर लिए जाएंगे. अगर इस अवधी तक खर्च नहीं किए गए तो राशि लेप्स भी होने की बात भी स्वीकार कर रहे हैं.

ब्लॉक अधिकारियों के पास सटीक जानकारी नहीं

देवभोग संकुल समन्वयक बीआर सोरी ने बताया कि 72 स्कूलों में से अब तक केवल 24 स्कूलों में एक माह का प्रशिक्षण हुआ, जिनमें से 2 को केवल 10 हजार का भुगतान हो सका है. देवभोग को छोड़ अन्य ब्लॉक के अफसरों के पास प्रशिक्षण की सटीक जानकारी नहीं है. मैनपुर बीआरसीसी शिव कुमार नागे और गरियाबंद बीआरसीसी तेजेश शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण जारी है, पर कितने में जारी है, भुगतान कितना हुआ है, इसकी जानकारी मंगाया गया है. अफसर कहते हैं कि भुगतान स्कूलों को ही करना है, इसलिए उसकी विस्तृत जानकारी उनके पास नहीं है. छुरा और फिंगेश्वर ब्लॉक में आधा अधूरा प्रशिक्षण हो सका है. कुछ जगह यह प्रशिक्षण केवल तस्वीर खिंचवाने तक सीमित दिखे.

एनजीओ को सौंपा गया काम पर स्कूलों को सूचना नहीं

प्रशिक्षण देने राज्य कार्यालय से पंजीकृत तीन संस्थान जिला कराटे संघ, मेच्योर ताई कांडो और सेल्फ डिफेंस एसोसिएशन नाम के तीन एनजीओ को नवंबर माह में आदेश जारी किया गया. स्कूलों की संख्या के अनुपात में इन संस्थाओं के पास प्रशिक्षक की संख्या कम थे. ज्यादातर स्कूल ने बताया कि प्रशिक्षक आए तो जरूर पर उन्हें अधिकृत किया गया है यह लिखित आदेश उनके पास नहीं थे. आज भी कौन से संस्था किन स्कूलों में प्रशिक्षण देंगे अब तक स्पष्ट आदेश जारी नहीं हो सका है. आधी अधूरी तैयारी के चलते संस्था के ज्यादातर प्रशिक्षक भी काम छोड़-छोड़ कर जाने लगे हैं. स्कूल, संस्था और मॉनिटरिंग करने वाले ब्लॉक जिला स्तर के विभागों में समन्वय के अभाव में यह महत्वपूर्ण योजना लेप्स होने के कगार पर आ चुका है.

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