रायगढ़. शहर जिले बहुचर्चित काजल मसंद के अनसुलझे हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने किया है। एडिशनल एसपी और सीएसपी की टीम में इस हत्याकांड में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, आरोपियों ने युवती को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि वे उसकी आबरू लूटने में असफल हो गए थे, इस मामले में आरोपियों का वहशीपन भी सामने आया है।
एडिशनल एसपी लखन पटले एवं सीएसपी दीपक मिश्रा ने बताया कि 14 जून की दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि स्वास्तिक विहार कालोनी के एक मकान में युवती की संदेहास्पद लाश मिली है जिसकी सूचना पर तत्काल एडिशनल एसपी लखन पटले, सीएसपी दीपक मिश्रा, थाना चक्रधरनगर पुलिस, डॉग स्क्वाड, साइबर सेल की टीम मौके पर पहुची थी। घटनास्थल का मौका मुआयना कर पुलिस अधिकारियों द्वारा एसपी अभिषेक मीना को घटना से अवगत कराया गया। जिसके बाद हत्या का अपराध दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस टीम पुलिस डॉग रूबी को घटनास्थल का स्मेल लेकर छोड़ा गया जो मृतिका के मकान से गंध लेकर उसके घर पीछे खाली पड़े अटल आवास होते हुए फुलवारीपारा आगे शमशान की ओर गया जिस पर पुलिस की एक टीम फुलवारी पारा की ओर रहने वाले संदेहियों से पूछताछ के लिए लगाया था,वही मृतिका की मां सदमे से शोक व्याप्त थी कुछ बताने की स्थिति में नहीं थी । मृतिका के अन्य परिजनों से जानकारी मिली कि मृतिका की तीन सगी बहनों की शादी हो गई है मृतिका उसकी मां को प्रतिदिन उसके कार्यस्थल सुबह छोड़ने जाती है और वापस घर में आकर अकेली रहती थी।
इधर पुलिस टीम ने मृतिका के आने के समय चेक कर सीसीटीवी खंगाला, साइबर सेल की टीम ने मृतिका के मोबाइल का लास्ट लोकेशन लिया जो फुलवारीपारा की ओर जाकर बंद होना पाया गया । तब एएसपी ने पुलिस की एक और टीम को इस ओर संदिग्धों से पूछताछ के लिए लगाया।
हर तरफ खंगाला पुलिस ने.
इस मामले में लगी पुलिस की एक दूसरी टीम ने मृतिका के दोस्तों, परिजनों उसके कार्यस्थल सहारा इंडिया के सदस्यों, मृतिका के घर आसपास काम करने वाले लोगों, संपर्क में आये ऑटो चालक, आस-पड़ोस के लोगों से मजदूरों, चौकीदार से लगातार पूछताछ की,इसी बीच पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा मृतिका एवं उसके परिजनों के मोबाइल को चेक किया गया तो सभी मोबाइल पर एक ही Gmail से चल रहे थे। उस Gmail का बैकअप लिया गया। जिसमें पुलिस के हाथ घटना के बाद मृतिका की ली गई तस्वीर पुलिस को मिली जो कि घटनास्थल से कुछ अलग थी।
जांच टीम को मृतिका के मर्डर का लगभग सही समय पता चला,एक बार फिर से पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को चेक किया, आसपास के लोगों से पूछताछ किए फुटेज के दायरे में आये लोगों से पूछताछ किया गया और पुलिस डॉग रूबी की फिर मदद ली गई । इसी दरम्यान क्षेत्र का कुख्यात बदमाश, आदतन आरोपी राम भरोस फुटेज में दिखा। जिस पर पुलिस डॉग रूबी भी संकेत दिया था। आरोपी राम भरोस के खिलाफ चक्रधरनगर पुलिस ने पूर्व में कई प्रतिबंधक कार्यवाही व 376, हत्या का प्रयास, पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया गया था तथा आरोपी बलात्कार, पोक्सो एक्ट मामले में जेल जा चुका है । संदेही को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। जिसने पुलिस को घटना समय मौजूद नहीं होना बताया पुलिस द्वारा उसके मौके पर मौजूद होने के सारे सबूत दिखाये और चश्मदीद गवाह जो उसे पैदल आते-जाते देखें है उनका जिक्र किया गया । संदेही रामभरोस चौहान बार-बार सिरे से इंकार करने के बाद आखिरकार अपने किये अपराध की स्वीकृति किया कि उसने घटना अपने मोहल्ले के दो साथी गोपाल उर्फ नानू साहू, मित्रभानु उर्फ मोनू सोनवानी के साथ करना स्वीकार किया ।
इनकी भूमिका रही महत्वपूर्ण.
एसपी अभिषेक मीना द्वारा एडिशनल एसपी को अपने सुपरविजन पर सीएसपी दीपक मिश्रा के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष नागर, थाना प्रभारी भूपदेवपुर निरीक्षक अमित शुक्ला, चौकी प्रभारी जूटमिल निरीक्षक हर्षवर्धन बैस, थाना प्रभारी चक्रधरनगर उप निरीक्षक दिनेश बोहिदार तथा साइबर सेल की टीम बनाकर आरोपियों की पतासाजी का निर्देश दिया था।
काजल पर पहले से थी नजर.
पूछताछ में आरोपी रामभरोस चौहान ने पुलिस को बताया कि पोक्सो एक्ट के अपराध में जेल से रिहा होने के बाद फुलवारी पारा में निवास कर रहा था और उसका वही की एक लड़की से प्रेम संबंध भी था, लड़की सर्किट हाउस की तरफ घरों में मजदूरी का काम करने जाती थी जो रास्ता काजल मसंद के घर के बगल के होकर जाता है । वहीं पास आम के पेड़ के नीचे यह अपने साथी मित्रभानु सोनवानी और गोपाल साहू के साथ अक्सर मिलते और बैठक करते थे । इस ये तीनों काजल मसंद को गंदी निगाह से देखते थे उनको जानकारी थी कि काजल मसंद के घर कोई पुरुष नहीं है, मां -बेटी अकेले रहते हैं । 14 जून की सुबह से तीनों शराब पी और सुबह काजल को उसकी मां को स्कूटी पर छोड़ कर घर आते देखा था । जब ये तीनों काजल के घर के पास थे तब काजल को घर के बाहर मोबाइल पर बात करते देखे और काजल के कमरे के अंदर घुसने के बाद तीनों काजल को देखने गए। खिड़की से झांक कर देखा तो काजल मोबाइल में बात करते हुए बिस्तर पर कुछ लिख रही थी । तीनों दरवाजे की कुंडी नही लगी होने के कारण भीतर इंट्री मारी। तीनों ने सब से पहले बिस्तर पर काजल का मुंह, गर्दन दबाया और काजल उनसे छुड़ाने की कोशिश में शोर कर रही थी जिससे तीनों आरोपी डर गए और इसी बीच रामभरोस कमरे से बाहर निकला और बाहर पड़े चिप पत्थर से काजल मसंद के सिर पर कई बार प्रहार किया जिससे उसका सिर फट गया काजल की मौत हो गई फिर तीनों आरोपी साक्ष्य छुपाने के नियत से अलमारी में रखे एक टावेल में पत्थर को लपेट दिए और कमरे में काजल मसंद के कपड़े उतारकर काजल के मोबाइल से फोटो लिए और जाते-जाते कमरे में रखा हुआ एक प्लास्टिक पाउच (छोटा थैला) जिसमें करीब ₹1540 रखा था जिसे तीनों आपस में ₹500-₹500 बांट लिए और घटना को अंजाम देने के बाद अटल आवास पहुंचे जहां प्लास्टिक का पाउच काजल मसंद के घर से मिला एटीएम कार्ड को अटल आवास के बिल्डिंग में ही छोड़ कर तीनों अपने अपने घर चले गए काजल मसंद का मोबाइल साथी भानु रखा हुआ था जो पकड़े जाने के डर से उसे पंचधारी डैम में फेंक दिया । आरोपियों से पुलिस द्वारा साक्ष्य छुपाने में प्रयुक्त टावेल व घटना में प्रयुक्त चिप पत्थर, मोटरसाइकिल एवं कुछ नगद रुपए बरामद किया गया है ।