रायपुर। जल जीवन मिशन में सैकड़ों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव को भेजी अपनी चिट्ठी में यह आरोप लगाया है. कंवर ने कहा है कि जिला कलेक्टर, विभाग प्रमुख और ठेकेदारों ने मिलकर सैकड़ों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया है. पूर्व गृहमंत्री ने इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी ने कराने की मांग की है. उप मुख्यमंत्री अरुण साव को भेजी गई चिट्ठी में ननकी राम कंवर ने कहा है कि जल जीवन मिशन की शुरुआत के वक्त तब के अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदार विन्ध्या टेलिलिंक्स लिमिटेड इपीसी को डीपीआर एवं अन्य कार्य का ठेका दिया था. कंपनी ने स्थल निरीक्षण किए बिना अपने दफ्तर में बैठकर फर्जी डीपीआर बना दिया, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना की राज्य में बलि चढ़ गई. पूर्व गृहमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के माध्यम से पूरे देश में जनता को स्वच्छ एवं पीने योग्य पानी दिलाने की पहल की गई. इसके लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को हजारों करोड़ रुपए दिए, लेकिन यह अत्यंत खेद की बात है कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में कलेक्टर, विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने योजना को विफल कर सैकड़ों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन का ठेका लेने वाले ठेकेदारों ने स्तरहीन काम किया है. स्तरहीन निर्माण की वजह से पूरी योजना फेल हो गई है. पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने अपनी चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया है कि जल जीवन मिशन के प्रबंध संचालक और विभागीय सचिव द्वारा 25 प्रतिशत रिश्वत लेकर अपने अमानत स्तरहीन कार्य का भुगतान करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि पूर्व में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा जल जीवन मिशन का भुगतान किया गया है, उसके किए गए कार्य और भुगतान की जांच कर संबंधित लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए. साथ ही पूरे मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए.

