जांजगीर- चाम्पा- अभी कुछ देर पहले खुशियों भरी खबर निकल के सामने आई है। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा जिले के ग्राम पिरहिद में देश का सबसे लंबा और बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो चुका है। बोरवेल में गिरे राहुल को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। राहुल ने मौत को मात देकर जिंदगी की जंग जीत ली है। सर्वसुविधायुक्त एंबुलेंस उसे लेकर अपोलो के लिए रवाना हो चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेस्क्यू टीम में लगे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, सेना और NDRF के जवानों को बधाई दी है। राहुल को लेकर आने की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी और मीडिया जगत के लोग बिलासपुर के अपोलो अस्पताल पहुंच गए है।
कमल की टीम का कमाल.
बिलासपुर शहर के युवा माइनिंग कांट्रैक्टर कमल सोनी की टीम ने काटी सुरंग की चट्टान ,राहुल को बाहर निकालने में बड़ी भूमिका। सीएम बघेल ने किया ट्वीट । सीएम बघेल तथा जांजगीर कलेक्टर के प्रति कमल ने जताया आभार, कहां सबसे बड़े खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात।
आखिर 4 दिनों की जद्दोजहद के बाद राहुल को रेस्क्यू ऑपरेशन कर बाहर निकालने में जिला प्रशासन को बड़ी सफलता मिल गई है ।पिछले 100 घंटे से बोरिंग के गड्ढे में फंसे राहुल को बाहर निकालने में जिला प्रशासन के साथ ही सेना के जवान एनडीआरएफ की टीम बिलासपुर के युवा माइनिंग ठेकेदार तथा श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स के संचालक कमल सोनी तथा उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जब जांजगीर जिला प्रशासन के अधिकारी राहुल को बाहर निकाल रहे थे सुरंग में एक बड़ी चट्टान बाधा बनी और एनडीआरएफ जिला प्रशासन एसईसीएल की टीम को काम रोकना पड़ा तब जांजगीर जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने माइनिंग कांट्रेक्टर कमल सोनी से फोन पर बात की। और कमल सोनी तथा उनके कर्मचारी 2 घंटे में ही सुरंग में आड़े आ रही बड़ी चट्टान को काटने के लिए चेन माउंटेड कलोरल ड्रिलिंग मशीन लेकर पहुंचे और इस मशीन की सहायता से चट्टान को काटकर कमल सोनी के कर्मचारी एनडीआरएफ टीम के साथ 36 घंटे बाद राहुल तक पहुंचने में सफल हुए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर श्री श्याम खाटू ट्रेडर्स के संचालक कमल सोनी को एवं उनकी टीम को बधाई भी दी है। शहर के युवा ठेकेदार कमल सोनी पिछले कई सालों से माइनिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
पत्थर एवं बड़ी चट्टान को काटने के लिए उनके पास चेन माउंटेड क्लोरल ड्रिलिंग मशीन यहां सिर्फ उन्हीं के पास है । कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला को जब माइनिंग के अधिकारियों ने बताया कि चट्टान काटने वाली ड्रिलिंग मशीन कमल के पास है तो कल सुबह 5:00 बजे कलेक्टर ने कमल सोनी को फोन किया और राहुल को निकालने के लिए चर्चा की । कमल सोनी तत्काल मैनेजर यशवंत शर्मा के नेतृत्व में अपने 8 कर्मचारियों के साथ ड्रिलिंग मशीन लेकर पहुंच गए और सुरंग में घुसकर उनके कर्मचारियों ने चट्टान को काटने का काम शुरू किया। लगातार 8 ड्रिलिंग करने वाले कर्मचारी पारी पारी से 36 घंटे तक चट्टान को काटने सुरंग बनाने ड्रिलिंग करते रहे। कुछ देर के लिए रात को बड़ी चट्टान को काटने का काम अधिकारियों ने रुकवा दिया था। लेकिन देरी हो होता देख फिर से 60 फीट गहरी गड्ढे में घुसकर चट्टान काटने का काम मशीन से शुरू किया गया। 36 घंटे तक लगातार श्री श्याम खाटू ट्रेडर्स के कर्मचारी राहुल को बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं । सेना के जवान तथा एनडीआरएफ व एसईसीएल की टीम के साथ कमल सोनी तथा उनकी टीम लगातार चट्टान काटने में जुटी रही।
पहली बार किया बड़ा रेस्क्यू-कमल.
कमल सोनी का कहना है कि पहली बार उन्हें जिला प्रशासन के साथ इतने बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में काम करने का अवसर मिला । राहुल को नया जीवन मिला यह उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है और इस बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन और इस घटना को वे कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला तथा खनिज विभाग के अधिकारियों का आभार जताते हुए कहा कि 13 जून को सुबह 5:00 बजे जैसे ही कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला का फोन आया उन्होंने इस बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में अपना योगदान देने के लिए तत्काल तैयार हुए। और 2 घंटे के भीतर ही इस बड़े सफल ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए पहुंच गए। कमल ने बताया कि वह पिछले कई सालों से माइनिंग में ब्लास्टिंग का काम कर रहे हैं। चट्टान काटने की इस तरह की मशीन सिर्फ उन्हीं के पास है। पहली बार सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में काम करने का अवसर मिला । 60 फीट फीट गहराई में घुसकर उनके कर्मचारी एनडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर बारी बारी से चट्टान काटने का काम कर रहे हैं। जो कर्मचारी चट्टान काटने का काम कर रहे हैं ड्रिलिंग मशीन को चलाने में माहिर है। 8 कर्मचारी ड्रिलिंग करने लगातार 2 दिनों से जूटे रहे । क्योंकि राहुल जहां पर बोर में फंसा है वहां बड़ी चट्टान इस ऑपरेशन में रुकावट है। कमल सोनी लगातार इस गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन में खुद जूटे हुए हैं । राहुल को बचाने के लिए 200 से अधिक की बड़ी टीम जुटी हुई है।
चट्टान को काटने के बाद ही राहुल तक पहुंचा जा सकता था। और चट्टान को काटते काटते 36 घंटे बाद उनके कर्मचारी राहुल तक पहुंचने में सफल हो गए। इस सबसे बड़े सफल रेस्क्यू ऑपरेशन में अपना योगदान देने के लिए कमल सोनी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों खासकर कलेक्टर एवं खनिज विभाग के अधिकारियों का आभार जताया। 4 आईएस तथा दो आईपीएस अधिकारी जिसमें प्रमुख रूप से कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, राहुल देव, विजय अग्रवाल, नपुर पन्ना ,ए आर आहिरे रीना जमील तथा माइनिंग अफसर रमाकांत सोनी 4 दिनों से राहुल को बचाने में यहां अपनी पूरी टीम के साथ जुटे हुए हैं । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्वीट करके इस मुहिम की जानकारी दी है । चैन माउंटेड फ्लोरल ड्रिलिंग मशीन से बड़ी चट्टान को काटकर राहुल को बचाया जा सका । यह प्रशासन की बहुत बड़ी उपलब्धि है और बिलासपुर के लिए यह गौरव की बात है कि राहुल को बचाने में बिलासपुर के कमल की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। शहर के लोग कमल सोनी के प्रयास की सराहना कर रहे हैं। राहुल का परिवार व गांव के लोग भी इस पहल की सराहना कर रही है। आखिरकार 4 दिन के जद्दोजहद के बाद पिपरिया के राहुल को निकालने में सफलता मिल गई कारी डोर बनाकर राहुल को अपोलो लाया जाएगा। जिला प्रशासन की टीम स्वास्थ विभाग की टीम यहां मुस्तैद है। सभी लोग जिला प्रशासन की टीम तथा रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाली टीम का आभार जता रहे हैं। देश में अब तक का 100 घंटे से अधिक समय तक चलने वाला सबसे बड़ा सफल रेस्क्यू ऑपरेशन माना जा रहा है । अधिकारियों ने भी राहुल के बाहर आने के बाद राहत की सांस ली है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेस्क्यू टीम तथा अधिकारियों को इस सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी है।