फार्मेसी काउंसिल के सदस्य के तौर पर डॉ. राकेश गुप्ता को निष्कासित करने के रजिस्ट्रार के फैसले पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी

रायपुर। छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल के सदस्य के तौर पर डॉ. राकेश गुप्ता को निष्कासित करने के रजिस्ट्रार के फैसले पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. इसके साथ ही न्यायाधीश एमके चंद्रवंशी ने फार्मेसी काउंसिल को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई जस्टिस एनके चंद्रवंशी के सिंगल बेंच में हुई. याचिकाकर्ता डॉ. राकेश गुप्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि फार्मेसी कौंसिल एक्ट के अनुसार कौंसिल के मेंबर्स को हटाने का अधिकार रजिस्ट्रार को नहीं है. नियमानुसार सामान्य सभा की बैठक बुलानी थी. बैठक में आरोपों को रखा जाता. सामान्य सभा में उपस्थित सदस्यों के फैसले के आधार पर कार्रवाई की जानी थी.

अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट से कहा कि रजिस्ट्रार अश्विनी गुरडेकर ने सामान्य सभा के अधिकारों पर हस्तक्षेप के साथ ही क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर यह आदेश जारी किया है, जो नियमों व निर्देशों के साथ ही फार्मेसी कौंसिल के प्रावधानों के विपरीत है. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फार्मेसी कौंसिल रजिस्ट्रार के विवादित आदेश और उसके क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है.

ऐसे होता है काउंसिल का गठन

फार्मेसी काउंसिल एक्ट में दिए गए प्रावधान के अनुसार, काउंसिल में कुल 15 मेंबर्स होते हैं. इसमें छह इलेक्टेड व छह नॉमिनेटेड मेंबर्स का चयन किया जाता है. कोई भी निर्णय सामान्य सभा की बैठक में बहुमत के आधार पर लिया जाता है.

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