बिलासपुर.छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 50 % से ज्यादा आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने 58 % आरक्षण को रद्द कर दिया है। मामला 2012 में राज्य सरकार द्वारा सरकारी नियुक्तियों समेत मेडिकल , इंजीनियरिंग व अन्य कॉलेजों में एडमिशन पर 58 % आरक्षण के फैसले से जुड़ा हुआ है।
एक नजर पूरे मामले पर.
मालूम हो कि 2012 में तत्कालीन रमन सिंह की सरकार ने 58 % आरक्षण देने का फैसला किया था। जिस पर डॉ पंकज साहू व अन्य ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई थी। याचिका में कहा गया कि 50 % से ज्यादा आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के खिलाफ और असंवैधानिक है। सभी मामलों की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डिविजन बैंच ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।
वही अब पूरे मामले की सुनवाई के साथ हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है कि 50% से ज्यादा आरक्षण का प्रावधान असंवैधानिक है। इसे रद्द करते हुए डिविजन बैंच ने याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है।