•इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपीस्ट की प्रेस कॉन्फ्रेंस.
•गैर मान्यता प्राप्त संस्थान पर कार्रवाई की मांग.
बिलासपुर. चिकित्सा के क्षेत्र में जिस तरह झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, वही हाल फिजियोथेरेपी के मामले में भी सामने आ रहा है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपीस्ट (आई.ए.पी) का आरोप है कि शहर समेत राज्यभर में फिजियोथेरेपीस्ट की फर्जी डिग्री बेची जा रही है। ऐसे गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों को शिक्षा माफिया का संरक्षण मिल रहा है। फिलहाल शासन-प्रशासन से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई है।
प्रेस क्लब में शनिवार को आईएपी के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत चक्रवर्ती ने कहा कि फिजियोथेरेपी की मांग तेजी से बढ़ी है। छत्तीसगढ़ में फिजियोथेरेपी का पांच वर्षीय बैचलर्स कोर्स आयुष विश्वविद्यालय संचालित करता है। इसमें प्रवेश के लिए नीट परीक्षा अनिवार्य है। प्रदेश में वर्तमान में केवल दो कॉलेजों को आयुष विश्वविद्यालय ने फिजियोथेरेपी कोर्स के लिए मान्यता दी है। पहला गवर्नमेंट फिजियोथेरेपी कॉलेज, रायपुर और दूसरा अपोलो कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी, अंजोरा, दुर्ग। वहीं सामने आया है कि कई निजी संस्थान और तकनीकी विश्वविद्यालय बिना किसी मान्यता के फर्जी तरीके से फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम चला रहे हैं। संस्थान छात्रों से मोटी रकम लेकर उन्हें फर्जी डिग्री बेच रहे हैं।
स्टिंग ऑपरेशन में सामने आई धोखाधड़ी.
संगठन के ट्रेजरार डॉ. विक्रम द्विवेदी ने बताया कि रायपुर के एप्पल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का निजी न्यूज पोर्टल ने स्टिंग ऑपरेशन किया। इसमें खुलासा हुआ कि संस्थान पिछले चार साल से बिना मान्यता फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम चला रहा था। मामले की शिकायत इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट (आई.ए.पी) की छत्तीसगढ़ शाखा ने स्वास्थ्य मंत्रालय और संबंधित विभागों से की है।
इन संस्थानों पर संगठन ने लगाया आरोप.
आईएपी के पदाधिकारियों के अनुसार छत्तीसगढ़ में ऐसे कई संस्थान संचालित हैं, जो बिना मान्यता फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम चला रहे हैं। इनमें एपीजे इंस्टिट्यूट कांकेर, छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज बिलासपुर और रायगढ़, आचार्य अभिलाष पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट बेमेतरा, एमके इंस्टिट्यूट पैरामेडिकल कॉलेज रायपुर, गुरुकृपा कॉलेज बिलासपुर, चैतन्य इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस रायपुर, श्री कृष्णा पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट रायपुर आदि शामिल हैं।
फिजियोथेरेपी हेल्थ केयर प्रोफेशन ना कि पैरामेडिकल.
संगठन के अनुसार फिजियोथेरेपी को पैरामेडिकल कोर्स के रूप में प्रचारित करना भी गलत है। केंद्र सरकार ने फिजियोथेरेपीस्ट को स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करने का अधिकार दिया है। इसे हेल्थ केयर प्रोफेशनल की श्रेणी में रखा है न कि पैरामेडिकल की। राज्य में फिजियोथेरेपी की एक स्वतंत्र काउंसिल है, जो पैरामेडिकल काउंसिल से अलग है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार राज्य में एक अलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशनल काउंसिल बननी है, जिसका गठन प्रक्रियाधीन है।
हेल्प लाइन नंबर पर कर सकते हैं शिकायत.
संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के सभी अस्पताल व क्लीनिक संचालकों को सलाह दी कि किसी भी फिजियोथेरेपी चिकित्सक की सेवा लेने से पहले डिग्री और काउंसिल पंजीकरण की जांच अवश्य करें । वहीं कोई छात्र फर्जी संस्थान का शिकार बन चुका है, तो वह इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट की छत्तीसगढ़ शाखा के हेल्प लाइन नंबर-9479045799 पर संपर्क कर सकता है।