श्रीमद्भागवत महापुराण में जिला पंचायत सभापति गौराहा हुए शामिल.

बिलासपुर. ग्राम पंचायत गोंदईया ओकलाहीपारा में महिला कीर्तन मंडली ने श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन किया। इस दौरान व्यास पीठ से भगवताचार्य ने धर्म और कर्म के साथ अच्छा इंसान बनने का मंत्र दिया। व्यासपीठ से भगवताचार्य ने भगवान की लीला के बहाने लोगों को मानवता का पाठ भी पढ़ाया। उन्होने कहा सुमति और संगति ही जीवन का मूल आधार है। भगवान की हमेशा कृपा रहती है। इस दौरान जिला पंचायत सभापति ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया।

हम सब का एक होना जरूरी. गौराहा.

अंकित गौराहा ने कहा हम सदियों से धर्म पुस्तकों का पाठ करते आ रहे हैं। बावजूद इसके हमारी दूरिया घटी नहीं बल्कि बढ़ी है। जब हम एक होंगे..तब ही क्षेत्र का ना केवल विकास होगा..बल्कि अमन चैन का वातावरण भी तैयार होगा।

ग्राम पंचायत गोंदईया ओकलाहीपारा में महिला कीर्तन मंडली ने श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन किया। व्यासपीठ से भगवताचार्य के वाचन को सुनकर पूरा गांव मंत्रमुग्ध हो गया। इस दौरान जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने व्यास पीठ पहुंचकर आशीर्वाद लिया। साथ ही उपस्थित लोगों की मांग पर संबोधित भी किया।

अंकित गौरहा ने कहा कि यदि हम ऋषि मुनियों और अपने ईश्वर के आचरण को जीवन में उतार लें तो सारी वैमनस्यता अपने आप ही खत्म हो जाएगी। किसी भी धर्म ग्रंध में जीवों के खिलाफ अनिष्ट की बातें नहीं कही गयी है। जहां तक मैने जो अध्ययन किया है उसमें हमेशा यही पाया है कि हमारे पूर्वजों ने मनुष्य ही नहीं बल्कि सभी जीवों पर दया करने का पाठ ही पढ़ाया है। हमने भी पाठ पढ़ा है..लेकिन उस पाठ को जीवन में कभी ईमानदारी से नहीं उतारा है।

अंकित ने उपस्थित लोगों को बताया कि हमें मिलजुलकर रहना होगा। हमारी जरूरतें अलग अलग हो सकती है। लेकिन इन जरूरतों के लिए हमें हर सूरत में एक और नेक बनकर रहना होगा। चाहे समाज हो या परिवार…सभी की मनोकामना बिना एक हुए पूरी नहीं हो सकती है। रामचरित मानस में बाबा तुलसीदास ने कहा भी है कि जहां सुमति तहं सम्पत्ति नाना..जहां कुमति तहं विपत निधाना। इसलिए हमें अपने साथ समाज और प्रदेश के साथ देश के विकास के लिए मिलजुलकर रहना ही होगा। शासन प्रशासन हमेशा आपके साथ था..है…और रहेगा। क्योंकि आप से ही शासन और प्रशासन है।

अंकित ने बताया कि कथा को जीवन में उतारने का प्रयास किया जाए। उन्हें खुशी है कि कार्यक्रम में शामिल होने के साथ ही व्यासपीठ से आशीर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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