जशपुर। राज्य सरकार की घुमंतू बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं का जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते जरूरतमंद बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. जशपुर जिले के बगीचा, कुनकुरी, पत्थलगांव सहित अनेक कस्बों में इस तरह की योजनाओं को ठंडे बस्ते में रख दिया गया है.
इसीके परिणाम स्वरूप पढ़ने लिखने की उम्र में अनेक बच्चें सड़कों में घूम रहे हैं. इससे न केवल इनका भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है, बल्कि नशा और अपराधिक बुराइयों में उलझने लगे हैं.
बगीचा बस स्टैंड में मानसिक रूप से कमजोर एक आदिवासी महिला अपने बच्चे के साथ चिलचिलाती धूप में भूखे प्यासे घूमती रहती है. लगभग 10 वर्षीय इस स्वस्थ्य बच्चे के लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंच कर मदद की गुहार भी लगाई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर अब तक कोई सुध नहीं ली.
दरअसल, मानसिक रूप से कमजोर महिला नागवंशी समाज की है, जो महादेव जोबला की रहने वाली है. यह महिला अपने 10 साल के बच्चे को लेकर घूमती रहती हैं. ऐसे में बच्चे का भी भविष्य खराब हो रहा है. स्थानीय प्रशासन से कई बार उस बच्चे को छात्रावास में रखने की गुहार लगाई गई थी, उसके बावजूद आज तक इस ओर कोई संज्ञान नहीं लिया गया.