नायब तहसीलदार वर्सेस खाकी विवाद की इनसाइड स्टोरी: शनिवार की देर रात क्या और क्यों हुआ, पुलिस गाड़ी देख पिता और भाई को कैसे छोड़ भागा इंजीनियर बाबू और डॉक्टर की एमएलसी रिपोर्ट, जानिए सब कुछ ‘OMG’ की पड़ताल में.

बिलासपुर. शनिवार की देर रात नायब तहसीलदार उसके इंजीनियर भाई के साथ सरकंडा थाना पुलिस स्टाफ के से हुई झड़प की घटना के बाद इस मामले में मंगलवार को यू टर्न लिया। पुलिस वालों पर सारा आरोप मढ़ छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के प्रवक्ता को लेकर नायब तहसीलदार और उनके इंजीनियर भाई की एक टीम कलेक्टर से मिलने पहुंची और अपना दुखड़ा बया किया। इधर इस मामले में तूल पकड़ता देख यह मसला अब छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ वर्सेस खाकी तक आ पहुंचा है। सब से खास बात यह है कि घटना के बाद अब पुलिस विभाग में चर्चा जोरो पर छिड़ गई है कि क्या जिले की पुलिस देर रात गश्त में किसी को रोक टोक भी नहीं सकती भले गाड़ी के भीतर कोई अफसर या नेता ही क्यों न बैठा हो।

मंगलवार को छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ ने कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात कर शनिवार की देर रात बस्तर जिले के करपावंड में पदस्थ (इंचार्ज तहसीलदार) नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा उनके इंजीनियर भाई विनय मिश्रा के साथ सरकंडा पुलिस से हुए विवाद की सारी स्टोरी बता निष्पक्ष जांच की मांग की है। जिसके बाद एडिशनल एसपी उदयन बेहार को भी एक ज्ञापन सौंपा। इस घटना को लेकर कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ से कहा कि मामला पुलिस विभाग से जुड़ा है उन्होंने एसपी से बात कर जांच करवाने के लिए कहा है वही एडिशनल एसपी बेहार ने भी बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

अब हो रही ऐसी चर्चा.

शनिवार की देर रात बाइक पर सवार नायब तहसीलदार और उनके इंजीनियर भाई विनय मिश्रा के साथ सरकंडा पुलिस स्टाफ के बीच जो कुछ भी हुआ उसे लेकर काफी हो हल्ला मचा हुआ है। मिश्रा परिवार गश्त पॉइंट पर ड्यूटी कर रहे पुलिस स्टाफ पर विवाद करने का आरोप लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ पुलिस अपने पक्ष को लेकर क्लियर है इधर सारा आरोप सरकंडा पुलिस पर मढ़ मामले को तूल दे छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के द्वारा मोर्चा खोलने के बाद पुलिस विभाग सकते में आकर गिरते मनोबल की चर्चा शुरू हो गई है। यह मसला अब खाकी वर्सेस छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के बीच का हो गया है। चर्चा हो रही है कि क्या अब गश्त में पुलिस किसी को रोक टोक भी नहीं सकती या आगे जांच की आंच से बचने दिखावे की पुलिसिंग की जाएगी चाहे गाड़ी के भीतर कोई भी बैठा हो।

पेट्रोलिंग पार्टी को देख पिता,भाई को भाग खड़ा हुआ इंजीनियर बाबू फिर पुलिस की मानवता.

इस घटना की इतनी चर्चा हो गई है कि अब धीरे धीरे कर शनिवार की देर रात घटना की दबी परते सामने आने लगी है। बताया जा रहा है कि बाइक पर सवार नायब तहसीलदार मिश्रा उसके पिता और इंजीनियर बाबू विनय मिश्रा को जब पुलिस ने तीन सवारी देर रात के नाम पर रुकने बोला बस वहीं से विवाद शुरू हो गया। मौके पर दोनों मिश्रा बंधु पुलिस से हुज्जत करना शुरू कर दिए थे और जब आरक्षकों ने तीन सवारी बाइक का नंबर लेना चाहा तो मिश्रा बंधुओं ने आरक्षकों का मोबाइल तक छीन लिया था। थोड़ी देर बाद आरक्षकों ने पेट्रोलिंग टीम को बुलाया तो पुलिस गाड़ी को देखकर इंजीनियर बाबू मिश्रा अपने बुजुर्ग पिता और नायब तहसीलदार भाई को मौके पर छोड़ नौ दो ग्यारह हो गया। इधर पुलिस ने उनके बुजुर्ग पिता की उम्र का ख्याल कर मानवता पूर्वक उसी पेट्रोलिंग गाड़ी से बुजुर्ग को घर तक छुड़वाया।

(नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा)

नायब तहसीलदार मिश्रा ने फोन पर कहा, महोदय.

खाकी वर्सेस छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के बीच छिड़ चुकी जंग को लेकर ‘OMG NEWS NETWORK’ ने नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा से उनका पक्ष और घटना की असली वजह जानने मोबाइल पर संपर्क किया। लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा और महोदय मैं आपसे बाद में बात करता हूं बोलकर फोन कट कर दिया। इधर इस मामले का बवाल कटने के बाद नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा फ्रेंडली नहीं होने की विभागीय सूत्रों से खबर आ रही है सूत्रों की माने तो बस्तर करपावंड में भी उनके कामकाज से हट्टी पन की बू आती है। जिसके कारण उनके व्यवहार के साथ इस बात पर भी सवालिया निशान उठ रहे है कि क्या नायब तहसीलदार मिश्रा शनिवार की देर रात बिलासपुर बस्तर से छुट्टी पर आए थे या विभागीय अधिकारियों से परमिशन लेकर,इसकी भी जांच होने की चर्चा हों रही।

डॉक्टर ने लिखा नो कॉरपोरेशन.

शनिवार की देर रात जब पुलिस ने नायब तहसीलदार मिश्रा को मुलाहिजा के लिए सिम्स अस्पताल भेजा तो ड्यूटी पर डॉक्टर शैलेश पैकरा मौजूद थे। जो पुष्पराज मिश्रा की एमएलसी करने के लिए उठे। ‘OMG NEWS’ द्वारा सिम्स हॉस्पिटल में की पड़ताल में पता चला कि नायब तहसीलदार मिश्रा नशे में होने की वजह से एमएलसी करवाने में सहयोग नहीं कर रहे थे। डॉक्टर से तरह तरह के सवाल सिम्स में भी हुज्जत बाजी से परेशान होकर डॉक्टर पैकरा ने रात करीब तीन बजे मुलाहिजा रिपोर्ट में सीधा नो कॉरपोरेशन और बल्ड सैंपल से टेस्ट लिख दिया।

(इंजीनियर मिश्रा)

एक नजर पूरे घटनाक्रम पर.

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में बस्तर जिले के करपावंड में पदस्थ नायब तहसीलदार और उसके इंंजीनियर भाई से पुलिसकर्मियों ने मारपीट की है। तहसीलदार की पीठ पर मारपीट के निशान हैं। उन्होंने पुलिस पर झूठे केस में फंसाने एफआईआर करने का आरोप लगाया है।

कलेक्टर ने कहा.

वहीं एफआईआर और मारपीट को लेकर कनिष्ठ अधिकारी संघ ने मोर्चा खोल पुलिस स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। इस पर पुलिस का कहना है कि नायब तहसीलदार के इंंजीनियर भाई ने पुलिसकर्मियों को जान से मारने की धमकी दी है। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई है।

अब कनिष्ठ अधिकारी संघ ने मोर्चा खोल सरकंडा पुलिस स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सरकंडा निवासी पुष्पराज मिश्रा ने मारपीट का आरोप लगा अपनी शिकायत में बताया कि वह बस्तर जिले के करपावंड में नायब तहसीलदार (इंचार्ज तहसीलदार) के पद पर कार्यरत है। 16 नवंबर की रात वह ट्रेन से बिलासपुर स्टेशन पहुंचे। वह अपने पिता और छोटे भाई के साथ बाइक पर घर जा रहे थे। देर रात करीब 2.10 बजे तीनों डीएलएस कॉलेज स्थित हनुमान मंदिर के पास पहुंचे थे।

एएसपी बेहार ने कहा.

इस दौरान उन्हें 2 आरक्षकों ने रोका। वहां पास अंधेरा होने की वजह से उन्होंने दूर में गाड़ी रोकी। इतने में आरक्षक गाली-गलौज करने लगे। नायब तहसीलदार मिश्रा ने उन्हें परिचय दिया, फिर भी दुर्व्यवहार कर 112 को बुलाया। पिता और भाई को घर भेज दिया, लेकिन उसे गाड़ी में बैठाकर थाने ले गए।

पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा कि नायब तहसीलदार से मारपीट की गई। जिसके निशान उनकी पीठ पर निशान बन गए हैं वहीं उनका
एल्कोहल मुलाहिजा के लिए अस्पताल भी भेजा गया था। सरकंडा पुलिस स्टाफ पर नायब तहसीलदार आरोप मढ़ रहे हैं कि पुलिस वालों ने गाली गलौज कर मजिस्ट्रेटी निकालने और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। एल्कोहल मुलाहिजा के दौरान अस्पताल में उन्होंने नियमानुसार 2 लोगों के सामने मेडिकल करने की बात कही। इसके बाद पुलिस वाले उसे वापस थाने ले आए।

इसके बाद इंजीनियर भाई देर रात थाने पहुंचे। थाने में गलत होता देख वीडियो बनाने लगा। इस दौरान पुलिस वालों ने नायब तहसीलदार के इंजीनियर भाई से गाली गलौज कर मारपीट की। मोबाइल छीनकर वीडियो और अन्य दस्तावेज भी डिलीट कर दिया।

कलेक्टर को लगाया फोन, फिर एफआईआर.

आरोप है कि थाने में पुलिसकर्मियों की दबंगई और झूठा केस बनाते देख इंजीनियर मिश्रा ने कलेक्टर अवनीश शरण को रात में फोन किया। कलेक्टर ने टीआई से बात की, जिसके बाद उन्हें सुबह 4 बजे छोड़ा गया। जब तहसीलदार और इंजीनियर थाने से चले गए तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। इधर देर रात तक सरकंडा थाने में जमकर बवाल हुआ। पुलिस ने तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.

दूसरी तरफ नायब तहसीलदार बताकर आरक्षकों से हुज्जत.

वहीं थाने में पदस्थ आरक्षक रंजीत खांडे ने अपनी शिकायत में बताया कि शनिवार 16 नवंबर की रात वह ड्यूटी पर था। इसी दौरान टीआई तोपसिंह नवरंग ने डीएलएस कॉलेज के पास आरक्षक बसंत भारद्वाज और शरद खुसरो से मिलने के लिए भेजा। वहां पहुंचने पर 2 लोग आरक्षकों से हुज्ज्तबाजी कर रहे थे फिर दोनों को थाने लाया गया। इस दौरान एक व्यक्ति ने खुद को नायब तहसीलदार बताकर उनसे दुर्व्यवहार किया।

और ये भी आरोप कि, नशे में हंगामा.

पुलिस का कहना है कि नायब तहसीलदार के भाई के खिलाफ थाने में प्रकरण दर्ज किया है। नायब तहसीलदार के भाई ने आरक्षकों और पेट्रोलिंग टीम से दुर्व्यवहार किया। थाने में उत्पात मचाया। वह शराब के नशे में था, डॉक्टर से मुलाहिजा तक नहीं कराया। गाली-गलौज और झूठे केस में फंसाने की बात निराधार हैं।

एसपी ने कहा,शिकायत की होगी जांच.

इस मामले में मीडिया को एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि नायब तहसीलदार के भाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उनकी तरफ से भी मारपीट समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोपों की जांच की जाएगी। जांच के लिए एडिशनल एसपी को निर्देशित किया गया है। तथ्यों के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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