बिलासपुर. शहर कांग्रेस संगठन में आंखों का कांटा बने नगर विधायक शैलेश पाण्डेय की अनदेखी तो शहरवासियों को समझ आ रही थी कि संगठन विधायक की सरलता, सौम्यता और खास कर जीत को पचा नही पा रहा है लेकिन कलेक्टर सारांश मित्तर द्वारा राज्यउत्सव के समारोह में विधायक समेत जनप्रतिनिधियों को नही बुलाना किसी के पल्ले नही पड़ रहा है। जाने किस दशा ने कलेक्टर ने समारोह का कार्ड छपवाया और शहर के जनप्रतिनिधियों को भूल गए।
यह मामला अब गरमाने लगा है अन्य जनप्रतिनिधियों ने तो नही बल्कि विधायक पाण्डेय ने कलेक्टर की इस नासमझी पर ऐतराज जताया है। उन्होंने बड़े आदर सेसीएम भूपेश बघेल को पत्र लिख कलेक्टर मित्तर की इस गुस्ताखी के लिए राजद्रोह का मामला दर्ज कर उन्हें जिले से हटाने की मांग की है वही अन्य जिलों में छपे कार्ड से भी सीएम को अवगत कराया है।
विधायक पांडेय लिखिन.
प्रति,
माननीय श्री भूपेश बघेल जी,
मुख्यमंत्री,
छत्तीसगढ़ शासन,
रायपुर (छ.ग.)
विषय:- बिलासपुर कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर द्वारा आपकी सरकार का अपमान किया जा रहा है,उन्हें तत्काल बिलासपुर से हटाया जाये और राजद्रोह की कार्यवाही किया जाए।
आदरणीय बड़े भैया, आपको सादर् प्रणाम!
धनतेरस एवं दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें!
महोदय,
अत्यंत खेद के साथ आपको कहना पड़ रहा है कि बिलासपुर के कलेक्टर डाॅ. सांराश मित्तर जी आपकी सरकार का और निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का अपमान लगातार कर रहे है। कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में आम जनता से जुड़कर कार्य कर रही है और आपके नेतृत्व में शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का कार्य जनप्रतिनिधि कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ बिलासपुर का प्रशासनिक अमले के मुखिया सम्मानीय कलेक्टर बिलासपुर जो कि जनता का अपमान कर रहे है और जनता से चुने हुये सभी जन प्रतिनिधियों का भी अपमान कर रहे है।
माननीय मुख्यमंत्री जी, 01 नवंबर हमारे राज्य का स्थापना दिवस था और इस दिन आपके निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में राज्योत्सव कार्यक्रम किया जाना निर्देशित किया गया था। मुख्य अतिथि किसको बनाना है यह सूची शासन द्वारा सभी जिले में भेजी गई थी। और जिले में अन्य अतिथियों का चयन कलेक्टर साहब को करना था। मैं समझता हूं राज्य स्थापना दिवस में तो सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष के विधायक गण को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए था जनता से निर्वाचित विधायक सत्ता पक्ष के जो कि आपकी सरकार का अंग भी है उनको आमंत्रित नही किया गया।एवं अन्य भी जनप्रतिनिधि जैसे कि महापौर, सभापति, ज़िला पंचायत अध्यक्ष सम्मान पूर्वक कार्ड में लिखकर आमंत्रित नहीं किया गया था। अन्य जिलों में जैसे कि GPM ज़िला,मुंगेली ज़िला के भी कार्ड देख सकते है जहां के कलेक्टर द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों को सम्मान पूर्वक राज्य उत्सव में अतिथि बनाकर बुलाया गया लेकिन बिलासपुर कलेक्टर का तानाशाही रवैया द्वारा बिलासपुर में आपकी सरकार का और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान किया गया है और केवल सामान्य कार्ड द्वारा आम आदमी को जैसे कार्ड भेजते है वैसे ही कार्ड भेज दिया गया। जिस पर मुख्य अतिथि ने भी नाराजगी व्यक्त किया। कलेक्टर बिलासपुर द्वारा किया गया कार्य जनता का सरकार का अपमान है जो कि राजद्रोह की श्रेणी आता है। प्रशासन के अधिकारी आये दिन इस प्रकार का अपमान करते रहते है, जिससे कि आपकी सरकार की छवि एवं आपके चुने हुये जन प्रतिनिधियों की छवि धूमिल हो रही है, जिसके कारण जनता में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।
महोदय, जिन जन प्रतिनिधियों को जनता चुन कर भेजती है, यदि हमारी सरकार में उनका अपमान होगा तो मैं समझता हूॅ कि, यह अपमान आपका भी अपमान है।
अतः आपसे निवेदन है कि, बिलासपुर कलेक्टर डाॅ. सांराश मित्तर को तत्काल बिलासपुर से हटाया जायें और इनके विरूद्ध राजद्रोह की कार्यवाही किया जायें।