रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को बजट सत्र के दौरान बिलासपुर विधायक शैलेश पाण्डेय ने जिले के ज्वलनशील मुद्दा जरहाभाठा स्थित सब से पुराने एसबीआर कॉलेज की जमीन के विवाद मामले को सदन में उठाया,विधायक पाण्डेय ने सरकार से पूछा कि कब क्यो और कैसे यह कॉलेज का नाम बदल दिया गया और आखिरकार पूरी भूमि ट्रस्टियों के कब्जे में कैसे आ गई।
आज विधानसभा में विधायक शैलेश पाण्डेय ने अपनी ही सरकार के राजस्व मंत्री जय सिंग अग्रवाल को घेरा, उन्होंने एसबीआर कॉलेज का मुद्दा उठाया, श्री पाण्डेय ने पूछा कि बिलासपुर जिले में सन 1944 से संचालित यह कॉलेज किस नियम के तहत ट्रस्टियों के हाथ मे चला गया वही अधिग्रहण और अचानक ऐसा क्या हुआ जो कॉलेज की जमीन के कब्जे को लेकर विवाद की स्थिति बनी,विधायक पाण्डेय ने साफ कहा कि शुरुआत से इस कॉलेज को एसबीआर के नाम से ही जाना जाता रहा है लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद इसका नाम बदल के जेपी वर्मा कॉलेज कर दिया गया।
सदन में यह मुद्दा गर्माने के बाद राजस्व मंत्री अग्रवाल ने अपने जवाब में स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रस्टियों ने कॉलेज की जमीन नही बेची है यह मामला हाईकोर्ट में जा चुका है इसलिए ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।