बिलासपुर सेंट्रल जेल में महाकुंभ 2025 का आयोजन: कैदियों ने हर हर गंगे जप के साथ अध्यात्म की लगाई डुबकी. देखिए नजारा.

रायपुर. छत्तीसगढ़ की सुशासन सरकार की पहल से मंगलवार को प्रदेश के सभी सेंट्रल जेल,उप जेल और सब जेलों में प्रयागराज महाकुंभ से मंगाए गए गंगा जल से कैदियों का सामूहिक स्नान करवाया गया।

सीएम विष्णु देव साय और डिप्टी सीएम व गृहमंत्री विजय शर्मा के इस आगाज से प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों से पहली बार आध्यात्मिक स्नान का आनंद लिया इधर बिलासपुर सेंट्रल जेल में भी करीब दो हजार कैदियों ने हर हर गंगे के जप के साथ डुबकी लगाई।

मंगलवार को प्रदेश की अन्य जेलों के साथ बिलासपुर सेंट्रल जेल प्रबंधन भी महाकुंभ के पवित्र गंगा जल से कैदियों को आध्यात्मिक स्नान करवाने से अछूता नहीं रहा। दो दिन पहले प्रयागराज से सेंट्रल जेल पहुंचे गंगा जल को पूजा अर्चना कर पूरे विधि विधान से जेल की चार दिवारियों के भीतर लाया गया। कैदियों की भजन मंडली ने जेल के मेन गेट से गंगा जल को बड़े सुंदरता से सजाई गई मटकियों में रख टंकी और अन्य कैदियों तक पहुंचाया।

महाकुंभ स्नान को लेकर जेल प्रबंधन ने पहले से तैयारियां कर रखी थी। जेल सुपरिंटेंडेंट खोमेश मंडावी ने बताया कि कैदियों के नहाने वाली टंकी को भी चारों तरफ से सजा लिया गया था। राज्य सरकार के अलावा जेल प्रबंधन ने अपनी तरफ से व्यवस्था कर करीब 40 लीटर गंगा जल अरेंज किया था। जिससे कैदियों ने स्नान किया।

किसी ने लोटा तो कोई टंकी में किया स्नान.

विष्णु देव साय की सुशासन सरकार की पहल पर यह पहला मौका है जब प्रदेश की जेलों में कैदियों को महाकुंभ से लाए गए गंगा जल से आध्यात्मिक स्नान करवा गया। बिलासपुर सेंट्रल जेल में कैदियों ने अपने अपने तरीके से स्नान किया। किसी ने लोटे से तो कईयों ने टंकी में डुबकी लगाई।

डिप्टी सीएम ने कहा इस पहल से कैदियों में आएगा सुधार.

इधर रायपुर सेंट्रल जेल में कैदियों ने महाकुंभ से लाए गए गंगाजल से सामूहिक स्नान किया. इस विशेष अवसर पर राज्य के 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल के कैदी गंगाजल से स्नान कर रहे हैं, जिससे उन्हें आध्यात्मिक शुद्धि का अवसर मिला. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर कबीरधाम जिले की जिला जेल में भी एक विशेष आयोजन हुआ. महाकुंभ के ऐतिहासिक अवसर पर राज्य सरकार ने जेल में बंद कैदियों को गंगा जल से स्नान कराने की व्यवस्था की. इस आयोजन में 237 कैदियों को गंगा जल से स्नान कराया गया, ताकि आत्मशुद्धि और नैतिक उत्थान के अवसर पर उन्हें आध्यात्मिक लाभ मिल सके.

यह गंगाजल छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने हाल ही में महाकुंभ से कैदियों के लिए लाया था. कैदियों ने इस स्नान के माध्यम से मानसिक और आत्मिक शांति की प्राप्ति की आशा जताई. इस आयोजन को लेकर जेल प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है और कैदियों के बीच धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को बढ़ावा देने के लिए इसे एक सकारात्मक कदम बताया है.

कबीरधाम में जेल प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जिससे कैदियों में उत्साह की लहर देखी गई. इस आयोजन का उद्देश्य केवल शारीरिक शुद्धता नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता भी था. गंगा जल का स्नान करने से कैदियों को आत्मविश्वास और सुधार की दिशा में प्रेरणा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम चलाएगी, ताकि सुधार और पुनर्वास के माध्यम से कैदियों को समाज में फिर से एक सकारात्मक स्थान मिले. इस पहल से कैदियों में सुधार लाने के साथ-साथ समाज में उनके पुनः समायोजन के लिए भी मदद मिलेगी.

डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा, कैदियों को गंगा जल से स्नान कराने का यह कार्यक्रम महाकुंभ के माहौल में एक महत्वपूर्ण कदम था, जो राज्य सरकार की सुधारात्मक और पुनर्वास कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह पहल सरकार की एक सकारात्मक और मानवाधिकार आधारित दृष्टिकोण को भी प्रदर्शित करती है, जो न केवल अपराधियों को सुधारने की कोशिश करती है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक और मानसिक शांति देने का भी प्रयास करती है.

5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल में कैदियों को आध्यात्मिक लाभ.

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गंगा जल से कैदियों को स्नान कराने की पहल को अब और विस्तार दिया गया है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर राज्य की 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल में कैदियों को गंगा जल से स्नान कराया जा रहा है. इस आयोजन का उद्देश्य केवल शारीरिक स्वच्छता नहीं, बल्कि कैदियों के मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए भी है. महाकुंभ के ऐतिहासिक अवसर पर राज्य सरकार ने इस विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की है, ताकि कैदियों को आत्मशुद्धि का अनुभव हो और उन्हें समाज में पुनः सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा सके. यह पहल राज्य सरकार की सुधार और पुनर्वास की नीति को प्रदर्शित करती है, जो केवल सजा देने तक सीमित नहीं, बल्कि कैदियों के जीवन में सुधार और समाज में उनके पुनः समायोजन को प्राथमिकता देती है. इस पहल से राज्य की जेलों में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा और कैदी अपने जीवन को नए दृष्टिकोण से देखेंगे.

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